लोहड़ी पर पंजाबी भाभी को जमकर चोदा

मेरा नाम दीपक यादव है मैं दिल्ली में रहता हूं। मेरी उम्र 23 साल है मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूं। किराए का कमरा लेकर रोहिणी में रहता हूं। मैं अपनी जिंदगी में कई महिलाओं के साथ सेक्स किया है। जिसमें से तीन तो मकान मालकिन थी। स्टूडेंट लाइफ बहुत अच्छी लाइफ होती है। लोग बड़ी जल्दी आपको प्यार करने लगते हैं। छोटा समझते हैं प्यार करते हैं। क्योंकि स्टूडेंट हमेशा अपने मां-बाप से दूर रहता है तो सहानुभूति उसको आराम से मिल जाती है। हम जैसे हरामि स्टूडेंट को सहानुभूति मिलना दूसरे के जल में सेंध लगाना होता है। अक्सर महिलाएं स्टूडेंट से पट जाती है।

तो सीधे कहानी पर आता हूं, कैसे मैंने एक हॉट सेक्सी पंजाबन भाभी जिसके भी नई-नई शादी हुई थी। शादी के मात्र 6 महीने हुए हैं और उनकी जमकर चुदाई मैंने की पूरी रात। मैं उन्हीं के मकान में किराए पर रहता हूं और मौका ऐसा मिला कि मेरी बल्ले बल्ले हो गया। पंजाबन भाभी का नाम सिमरन कौर है। बहुत ही हॉट और सेक्सी औरत है। कोई भी फिदा हो जाए गोरा बदन लंबे बाल मस्तानी चाल, गोल जांघ, चौड़ी गांड। कहानी लिखते लिखते भी मेरा लंड मोटा हो रहा है चीज ही ऐसी है सिमरन भाभी।

लोहड़ी का दिन था घर के बाहर उन्होंने आग जलाया था। भाभी के मम्मी पापा भाभी से मिलने आए थे। भाभी के पति कनाडा में रहते हैं 3 महीना पहले वहां चले गए अब जब आएंगे तब भाभी भी कनाडा जाएगी। भाभी के साथ ससुर यानी कि मेरे मकान मालिक और मालकिन दोनों ही चंडीगढ़ गए हुए थे इस वजह से भाभी अकेली थी। उस दिन भाभी लाल सूट पहनी हुई थी ढोल वाला आया था ढोल की थाप पर वह नाच रही थी। मुझे भी नीचे बुलाया था उन लोगों ने मैं भी नीचे जाकर आग से गिरकर मूंगफली गजक और पॉपकॉर्न खाया था।

रात के 12:00 बजे तक हम लोग वही थे फिर भाभी के मम्मी पापा दोनों वापस अपने घर चले गए थे क्योंकि उनको घर जाना जरूरी था। मैं और भाभी दोनों ही मेन गेट बंद किया और ऊपर चढ़े नीचे का फ्लोर बंद रहता है मैं सबसे टॉप में रहता हूं और बीच वाले में भाभी रहती हैं। मैं ऊपर जाने वाला ही था कि भाभी बोली आ जाओ दीपक मैं भी अकेली हूं मन नहीं लग रहा है तो आओ गपशप करते हैं। मैं भी खुला सांड कहीं बुला लो मैं तुरंत ही चला गया ऐसे भी मेरी भाभी पर बहुत दिन से मेरी नजर थी। उनकी बड़ी-बड़ी गोल गोल चूचियों का मैं दीवाना था। अक्सर उनके सूट के ऊपर से निहारते रहता था। रात में उनकी चूत और गांड को याद करके मैं मुठ मारा करता था।

तो उस दिन भाभी खुश होने की वजह से अंदर बुला लिया और मैं भी चला गया। अंदर हीटर चल रहा था पूरा कमरा ड्राइंग रूम का गर्म था बंदर जाते हैं अपना दुपट्टा हटा कर रख दी। सामने सोफे पर बैठ गई मैं उनके सामने बैठा था। उनके सूट से उनके दोनों चूचियां आधी आधी दिखाई दे रही थी। मैं वहीं से पागल होना शुरू हो गया मैं कहीं पर भी नजर लगाने की कोशिश करता पर उनकी चुचियों पर मेरी निगाहें रुक जाती। भाभी जब बोलती तो उनके होंठ हिलते सुर्ख लाल रंग लगाई हुई थी होठों पर मैं फिदा हो रहा था। मैं मजाक में बोला भाभी शादी को 6 महीने हुए हैं सिमरजीत भैया 3 महीने ही आपके साथ रहे हैं आपको अपने पति की याद नहीं आती।

उन्होंने कहा याद आती है फोन पर बात भी करता हूं वीडियो कॉल भी होता है। पर साथ रहने का मजा ही कुछ और है फोन पर सब कुछ नहीं मिलता इतना कह कर वह हंसने लगे। मैंने कहा भाभी आप बहुत सुंदर हो, उन्होंने कहा आपने तो सुंदर हो। मैंने कहा लड़के कितने भी सुंदर हो जाए क्या फर्क पड़ता है। पर आप जैसी लड़कियां अगर इतने सुंदर हो जाए तो लड़कों का नींद हराम हो जाता है। उन्होंने कहा फिर क्या तुम्हारा भी नींद हराम है। मैंने कहा आपने तो दिल की बात कह दी। भाभी बोली क्या चाहते हो मेरे से। मैंने कहा मैं आपके गाल को एक बार चूमना चाहता हूं। उन्होंने कहा बस, मैंने कहा जी हां। उन्होंने अपने पास बुलाया और गाल आगे कर दिया।

मैंने उनके गाल पर एक चुम्मा दिया, और अलग हो गया वह बोली मैं तुम्हारे चुम्मे को वापस कर देती हूं। और उन्होंने मेरे गाल पर भी एक चुम्मा दे दी। फिर मैंने उनके गाल पर एक चुम्मा दिया फिर वह मेरे को वापस कभी ऐसा करते-करते हम दोनों एक दूसरे के होंठ को छूने लगे। भाभी की बड़ी-बड़ी चूचियां मेरे हाथ में आ गई। भाभी की सिसकारियां निकलने लगी। भाभी बोली दीपक आज तुम मुझे खुश कर दो। मैं प्यासी हूं। मुझे सेक्स करने में बहुत मजा आता है। पति से मिलना पता नहीं कब होगा कितना टाइम और लगेगा तब तक मैं और रुक नहीं सकती बर्दाश्त नहीं कर सकती।

भाभी का यह बात सुनकर मैं गदगद हो गया मैं खुश हो गया हम दोनों सोफा पर से उठे और बेडरूम में चले गए। बेडरूम में जाकर सबसे पहले भाभी ने अपने कपड़े उतारे मैंने भी अपने कपड़े उतारे वह पीछे घूम गई ताकि मैं ब्रा का हुक खोल सकूं। मैं भाभी की ब्रा का हुक खोला जैसे वह मेरे सामने आई घूम कर बड़ी बड़ी चूची ना पिंक कलर का निप्पल गोरा बदन ऊपर से नीचे तक ऐसे लग रहे थे जैसे संगमरमर की मूरत रहे। मेरा लंड झट से खड़ा हो गया मेरे अंदर बिजली दौड़ने लगी भाभी ने अपनी गोरी बाहें फैला दी मैंने उनको अपनी बाहों में जकड़ लिया। उनकी दोनों चूचियां मेरे सीने से चिपक कर तितर-बितर होने लगे। भाभी के होठ लाल हो गए थे गाल लाल हो गए थे आंखें लाल हो रही थी। उन्होंने अपना बाल खोल दिया कमर से नीचे तक बाल उनके आ गए।

भाभी के होंठ को चूमते हुए मैं उनके निप्पल दबाने लगा। भाभी के सिसकारियां निकलने लगी बेड पर लेट गई मैं उनके ऊपर चढ़ गया। उनके दोनों चूचियों को मसलते हुए उनके दूध को पीने लगा। अपना दोनों हाथ ऊपर कर दें उनके बगल के बाल काले काले अपनी जीभ से मैं चाटने लगा। भाभी अपने होंठ कोखुद ही अपने दांतों से काटने लगी। दोनों टांगों को अलग करके मैं उनके चूत को निहारने लगा। चूत के बाल को हटाकर छेद को देखने लगा। अंदर लाल गुफा सा लग रहा था। मैं अपना जीभ लगाकर हरकत करने लगा। तभी उनके चूत से गर्म गर्म पानी निकलने लगा। मैंने तुरंत ही भाभी की चूत में अपनी एक उंगली पहले डाली फिर दो डाली फिर तीन उंगली डाली चौथा डालने लगा तो वह बोली उंगली से कुछ नहीं होगा अपना लंड डालो।

मैंने तुरंत ही भाभी के दोनों जांघ को चीर कर अपना लंड उनकी चूत के छेद पर लगाकर घुसा दिया और चूचियों को मसलने लगा। भाभी जोर-जोर से सेक्सी आवाज निकालने लगी। मैं जोर-जोर से उनके चूत में अपना लंड घुसाने लगा। भाभी अंगड़ाइयां लेने लगी और मैं जोर जोर से धक्के देने लगा। भाभी अपने बाहों में भर लिया और मुझे चूमने लगी नीचे से गांड को गोल गोल हिला हिला कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी।

फिर भाभी को मैंने पलटा दिया थोड़ा सा गांड को उठाकर अपना लंड फिर से उनके चूत पर पीछे से लगाया और जोर से घुसा दिया। पूरी गांड पर थप थपकी आवाज निकलने लगी और जोर-जोर से मैं उनके चूत को चोदने लगा। भाभी काफी ज्यादा गरम हो गई थी वह काफी सेक्सी हो गई थी वह अपनी गांड को जोर-जोर से हिलाने लगी। फिर वह सीधी हो गई मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी फिर वह अपने टांगो को चेंज कर मेरे लंड को चूत में लगाकर खुद ही गांड को गोल घुमा कर मेरे लंड को अपने अंदर ले ली।

फिर वह मुझे लिटा कर ऊपर गई मेरे दोनों हाथों में अपनी उंगलियां फंसा कर मेरे होंठ को चोदते हुए ऊपर से मुझे चोदने लगी। 1 घंटे के चुदाई के बाद भाभी ढीली पड़ गई और मैं भी ढीला पड़ गया और फिर हम दोनों भाभी के मखमली रजाई को ओढ़कर नंगे हम दोनों सो गए। रात को 3:00 बजे उठकर फिर से हमने चुदाई की 8:00 बजे जब नींद खुली। सुबह 8:00 बजे जब नींद खोलें फिर से हम दोनों ने सेक्स किया। तभी उनके साथ ससुर का फोन आ गया वह लोग दिल्ली स्टेशन आ चुके थे। भाभी बोली कि अब तुम चले जाओ आज के बाद फिर मत मिलना जब मौका मिलेगा तो मैं तुम्हें बुला लुंगी।

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