हेल्लो, दोस्तों आज मैं अप्प सभी को अपनी चुदाई का महागाथा सुनाने जा रहा हूँ। मेरा नाम अमन है ,मैं कानपूर का रहने वाला हूँ। मेरे घर में ,मैं मामी, पापा ,बुआ और मेरी छोटी बहन रहती है । मेरी बुआ अभी बहुत जवान है। उनकी चूची एकदम सुडौल टाइट और रसीली लगती है । मैं तो उनका दीवना हूँ । मेरी एक तमना थी की उनको एक बार चोदू। मेरी उम्र लगभग 21 वर्ष होगी।
गामियो की छुट्टी चल रही थी। मामी और मेरी छोटी बहन को नानी के घर घूमने जाना था। इसलिए मामी और मेरी छोटी बहन नानी के घर घूमे चले गए। अब घर में केवल मैं, पापा और बुआ बची थी। पापा रोज सुबह नास्ता करके ड्यूटी पर चले जाते थे। अब घर में केवल मैं और बुआ बचते। मैं तो उन्हें तब से चोदना चाहता हूँ जब मैं 15 साल का था । लेकिन मैं उनको कैसे चोदता मैं ये समझ नही पा रहा था। मामी को नानी के घर गए हुए दो दिन हो गया था। अभी तक बुआ को कुछ नही कर पाया था।
तीसरे दिन की सुबह हुई । पापा हर रोज की तरह उस दिन ही ड्यूटी पर चले गए। बुआ जी ने पहले खाना बनाया और उसके बाद बुआ नहाने के लिए चली गई। मैंने बाथरूम के दरवाजे में बहुत दिन पहले एक महीन छेद बना दिया था, लेकिन घर में सब लोग रहते थे तो मै उनको नहाते वक्त नही देख पाता था। लेकिन उस मुझको मौका मिल गया था बुआ को नहाते हुए देखने को। बुआ जैसे ही बाथरूम के अंदर गई और अपने कपडे उतारने लगी, मैं चुपके से दरवाजे के पास गया और छेद से उनको नहाते हुए देखने लगा। मैंने देखा कि बुआ ने पहले अपनी मेक्सी उतारी, मेक्सी उयारते ही उनकी गोरी गोरी बदन दिखने लगी। मेरा लंड तो अभी से खड़ा हुआ जा रहा था। मेक्सी के अंदर बुआ ने लाल रंग की ब्रा पहनी थी, और नीचे सलवार को उतरने के लिए अपना नारा खोल रही थी। मै अपने लंड को दबाये हुए ये सब देख रहा था। जैसे ही बुआ ने अपना सलवार उतारा उनकी काली रंग की पैंटी दिखने लगी। मै तो बेकाबू हो रहा था, मै अपने लंड को रोक नही पा रहा था।
कपडे उतरने के बाद बुआ ने धीरे से अपना ब्रा खोल दिया। ब्रा खोलने के बाद बुआ क्या लग रही थी। उनके गोल गोल ,रसीले, सुडोल मम्मे कितने गजब के लग रहें थे। मै ये सब चुपके से देख रहा था। बुआ ने शावल खोला पानी की धारा उनके ऊपर गिरने लगी अब तो बुआ की चूची और भी मस्त लग रही थी भीगने के बाद। उनके मम्मो से पानी चू रहा था और बुआ अपने मम्मो को मसल रही थी। क्या नजारा था उस दिन का। थोड़ी देर बाद बुआ ने अपने पैंटी को भी उतार दिया। पैंटी को उतरने के बाद बुआ जी ने अपने उगुलियों से अपने चूत में सहलाने लगी। ये सब देख कर मेरा तो पारा बढ़ रहा था, मन तो कर रहा था कि आज और अभी भुआ जी को चोद डालू। कुछ देर नहाने के बाद बुआ ने साबुन को अपने शरीर पर लगाने लगी। जब वो साबुन को अपने मम्मो पर लगा रही थी, तो वो एक हाथ से अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी। मुझे पता चल गया कि बुआ भी बहुत जोशीली है। बुआ बहुत देर तक नहाती रही और मै ये सब एक महीन छेद से चुपके से देख रहा था। जब बुआ नहा के कपडे पहनने लगी तो मैं जल्दी से वहां से चला आया।
बुआ के नहाने के बाद जब बुआ बाथरूम से चली गई, तलो मै अपने आप को रोक नही पाया और बाथरूम में जाके मुठ मारने लगा। मरे परा इतना बढ़ गया रथ कि मै अपने आप को रोक नही पाया। मै लगातार मुठ मार रहा था, मेरी सांसे बढ़ने लगी, मै मुठ मारने कि स्पीड को बढ़ाने लगा। मै स्पीड इतनी तेज हो गई थी कि मेरा माल थोड़ी ही देर में निकलने वाला था।और थोड़ी ही देर में मेरा माल निकलने लगा। मै बुआ को अभी चोद नही सकता था इसलिए मुठ मार कर चलाना पड़ा। मुठ मारने के बाद मै अपने कम में चला गया। थोड़ी देर बाद मैंने सोचा कि चलो बुआ से कुछ बात करते है। मै इतना कमीना था कि मै हमेसा डबल मिनिग में बाते करता था। मै बुआ के पास गया और बोला बुआ क्या मुझे देना चाहेगी? बुआ ने चोकते हुए कहा क्या? – मैंने कहा “अरे खाना मांग रहा हूँ” । बुआ ने मुझे खाना दे दिया, मैंने अपने मन में सोचा कि बुर भी ऐसे ही दे देती तो कितना अच्छा होता।
शाम हो गयी पापा भी घर आ गये। बुआ को बाज़ार जाना था, तो पापा ने मुझसे कहा – “तुम बुआ को लेकर बाज़ार चले जाओ उनको कुछ सामान खरीदना है”। मैंने कहा ठीक है। मैं बुआ को बाइक से लेकर निकल पड़ा। मै जानकर जब ब्रेकर आता तो खूब तेज से ब्रेक लगाता, तो बुआ कि सुडोल , चूची मेरे पीठ में दब जाती और जब चूची दबती तो बुआ भी थोड़ी पिघलने लगती, जैसे जैसे मै ब्रेक लगाता बुआ मेरी ओर चिपकती जाती मुझे पता चल गया था कि बुआ को भी अच्छा लग रहा है और धीरे धीरे जोश में आ रही हैं।
बुआ ने मुझसे कहा – थोडा आराम से चलाओ बाइक। मैंने कहा ठीक है। मै और बुआ ने बहुत देर तक बाज़ार में सामान ख़रीदे रहें। उसके बाद हम लोग घर चले आये। मै और बुआ थोडा थक गये थे, घर आते ही हम लोगो ने खाना खाया, क्योकि भूख भी लग गई थी। खाना खाने के बाद पापा सोने चले गये, बुआ किचन में कम कर रही थी और मै टीवी देख रहा था। कम खत्म करने के बाद बुआ भी टीवी देखने के लिए मेरे बगल में बैठ गई। हम लोग एक हालीबुड मूवी देख रहें थे। रात के 11 बज रहें थे, केवल मै और बुआ दोनो अकेले मूवी देख रहें थे।
मूवी में अचानक से किसिंग सीन आ गया, उस सीन में हेरोइन केवल बिकनी में थी और हीरो भी केवल चड्डी में था। सीन चालू हुआ मै सीन को हटाने वाला था कि मेरी नजर बुआ पर पड़ी। मैंने देखा कि बुआ अपने हाथो को मल रही है और पैर को हिला रही है मुझे पता चल गया कि बुआ तो जोश में आ रही है। मैंने चैनल नही हटाया, मैंने धीरे से अपना पैर बुआ के पैर में छुआया , और बुआ ने भी अपने पैर को मेरे पैरों में छुआने लगी। पहले तो कुछ देर तक मै अपने पैरों को उनके पैरों में सहलाता रहा और बुआ भी मेरे पैरों को अपने पैरों से धीरे धीरे सहला रही थी। कुछ देर बाद मैंने हिम्मत बढाई और अपने हाथो को उनकी जांघों पर रख दिया।
मेरे हाथ रखते ही बुआ ने पहले थोडा विरोध कर रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद बुआ ने विरोध करना बाद कर दिया। और थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे हाथो को पकड़ा और अपने जांघ को सहलाते हुए अपनी चूत कि ओर बढ़ाने लगी। मेरा हाथ बुआ कि चूत तक पहुँच गई मेरा तो लंड एकदम से खड़ा हो गया। मैंने सोच कि लगता है कि आज बुआ को चोदने का मौका मिल ही जायेगा। मैंने बुआ कि चूत को सहलाना शुरू ही किया था कि थोड़ी देर में पापा निकल आये, और बोले तुम लोग अभी सोए नही? पापा ने कहा कि टीवी बंद कर दो और जाओ सो जाओ रात हो गई है। पापा की बात तो माननी ही थी , मै और बुआ दोनों जोश में आ गये थे। हम लोग सोने चले गये , मुझे फिर रात को मुठ मार कर कम चलाना पड़ा।
अगली सुबह मेरे लिए कुछ नया लाने वाली थी। पापा हर रोज की तरह सुबह नास्ता करके ड्यूटी चले गये। अब मै और बुआ घर में अकेले थे, कल रात को जो हुआ उसके बाद तो मै अपने आप को रोक नही पा रहा था बुआ को चोदने के लिए। बुआ उस दिन फिर से नहाने चली गई, मैंने फिर से बुआ को नहाते हुए देखा। बुआ जब नहा के निकली तो बहुत हॉट लग रही थी। मैं टीवी देख रहा था, बुआ अपना सारा काम खत्म करके फिर से मेरे बगल में बैठ गई। मै टीवी देख रहा था, लेकिन कल रात जो हुआ उसके बाद तो बुआ भी अब मुझसे चुदना चाहती थी। और मै तो उन्हें बहुत दिनों से चोदना चाहता था। बुआ का पूरा मूड उस दिन मुझसे चुदने का था। बुआ ने धीरे से अपने पैर को मेरी पैरों की बढ़ने लगी,
मै समझ गया की आज तो बुआ की चुदाई पक्की है। मैंने भी अपना पैर थोडा सा आगे बढ़ा दिया। और धीरे धीरे हमारा पैर एक दूसरे के पैर में छु गया। पैर के छूते ही मेरे और बुआ के शरीर में करंट दोड़ने लगा। मैंने अपने पैर को बुआ के पैरों में सहलाने लगा, और बुआ भी अपने पैरों से मेरे पैरों में सहलाने लगी। मेरा लंड खड़ा होने लगा, मैंने धीरे से बुआ का हाथ पकड़ा और उठाके अपने लंड के उपर रख दिया। बुआ बड़े प्यार से मेरे लंड पर अपना हाथ फेरने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मै थोडा बुआ की ओर खिसिक कर मैंने अपना हाथ उनकी जांघों पर रख दिया। थोड़ी देर तक मै बुआ एक की चूत को सहलाता रहा और बुआ मेरे लंड को सहलाती रही।
मैंने बुआ का हाथ पकड़ा और उनको कमरे की ओर चलने को बोला , बुआ मेरे साथ में कमरे को ओर चल पड़ी। मैंने म कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। और बुआ को कस कर पकड लिया, और उनके होठो को मै चूसने लगा। मैं जब बुआ के होठो पी रहा था तो बुआ भी बेकाबू होने लगी और बुआ भियो बड़ी तेज से मेरे होठो की पीने लगी। हम दोनों एक दूसरे के होठो को पी रहें थे। बुआ की पतली और रसीली होठो को पीने में बहुत मजा आ रहा था।और बुआ भी पूरा मजा उठा रही थी मेरे होठो को चूस कर। बहुत देर तक मै बुआ के होठो को पीता रहा। थोड़ी देर बाद मैं बुआ के गर्दन को पीने लगा , जब मै बुआ के गर्दन को पी रहा था तो बुआ का जोश और बढ़ रहा था कक्योकि बुआ ऐंठी जा रही थी जब मै उनके गर्दन को पी रहा था। मैंने बहुत देर तक बुआ के गर्दन को पीने मजा उठा रहा था।
जब मै उनके गर्दन को पी चूका, तो मैंने पहले तो बुआ की मैक्सी को उतारा। मैक्सी उतार कर मैंने बेड पा फेंक दिया और उनके काले काले ब्रा में उनकी छुपी ही गारे गोरे मम्मो को दबाने लगा। कुच्ज देर तक मै बिना ब्रा उतारे ही बुआ की चूची को दबा रहा था। फिर मैंने ब्रा भी उतार दिया। बुआ के बड़े बड़े ,गोरे गोरे , सुडोल मम्मो को पीने का मै आनन्द उठने लगा। मैं बुआ की चूची को बड़े मज़े से पी रहा था और बुआ को भी बहूत मजा आ रहा था। मै बहुत देर तक बुआ के मम्मो को मसलते हुए पीता रहा। फिर मैंने बुआ की चूची को पीते हुए बुआ की चूत की ओर बढ़ने लगा।
जब मैंने नीचे चूत की ओर बढ़ रहा था तो पहले मैंने थोड़ी देर तक बुआ की नाभि को भी पिया। नाभि को पीते हुए मैंने बुआ के सलवार के नारे को खोल दिया।
सलवार का नारा खोलने के बाद मैंने सलवार को उतार दिया , और साथ में लाल पैंटी को भी उतार दिया। और बुआ को बेड पर लेता दिया। क्या चूत थी बुआ की। एकदम रसीली, मैंने अपने उंगलियों से बुआ की चूत को सहलाने लगा। मेरे चूत को सहलाने से बुआ मदहोश होने लगी। मैंने पहले अपने उंगली से बुआ की चूत में डालने लगा। जब मै उंगली करने लगा तो बुआ भी हल्का सा अहह…. आ आ आ ,…. करने लगी। मैंने उंगली करने की स्पीड को तेज कर दिया, मेरे तेज अंगुली करने से बुआ भी तेज तेज से
“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…..” करने लगी” । मै बहुत देर तक ऊँगली करता रहा और अंत में बुआ के बुर का पानी निकलने लगा।
फिर मैंने अपना 8 इंच का बड़ा और मोटा लंड निकाला और बुआ के चूत पर सहलाने लगा। मैंने धीरे से अपना लंड बुआ की चूत में डाला तो बुआ आह्ह …से चिल्ला कर पीछे हो गई। मैंने इस बार बुआ की कमर को पकड़ा और थोडा जोर लगा कर बुआ की चूत में डाल दिया बुआ की चीख निकल पड़ी। मैंने अब बुआ को तेजी से चोदना शुरू किया। मै जितनी तेजी से बुआ को चोद रहा था बुआ उतनी ही तेज से “……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी..
हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करके चीख रही थी। मै बुआ की चुदाई के साथ साथ बुआ के मम्मो को भी मसल रहा था। मेरी चोदने स्पीड धीरे धीरे बढ़ रही थी। और बुआ को भी मेरी चुदाई से बहुत मजा आ रहा था।
मै बहुत देरतक बुआ की चूत में लगातार पेलता रहा, फिर मैंने अपना लंड बुआ की से निकल लिया और बुआ को गांड की तरफ लेता दिया। ,मैंने अपने लंड और बुआ की गांड में थोडा थूक लगाया और बुआ की गांड में अपना लंड डालने लगा। मै बहुत तेजी से बुआ की गांड को मार रहा था। और बुआ की चीख चीख कर बुरा हल था, बुआ कुछ ऐसे चीख रही थी –
“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी” । मैंने बहुत देर तक बुआ की गांड मारी । थोड़ी देर बाद मेरा माल निकलने वाला था, इसलिए मेरी स्पीड बढ़ रही थी। मैंने अपना लंड निकल लिया और बुआ के हाथो में पकड़ा दिया। और फिर बुआ मेरे लंड को पकड़ कर बड़ी तेजी से मुठ मारने लगी। मेरा माल निकाने वाला था मैंने जल्दी लंड को अपने हाथो से पड़ा और मुठ मारने लगा। थोड़ी ही देर में मेरा माल निकल गया मेरा लंड ढीला हो गया।
फिर मैंने और बुआ ने थोड़ी देर किस किया। उस दिन के बाद तो मेरा कभी भी मन करता था मै अपने बुआ को चोद कर अपनी हसरत पूरी कर लेता था। ये थी मेरी और मेरी बुआ की चुदाई की कहानी। अब तो रोज मै रात को चुपके से बुआ को अपने कमरे में बुला लेता हू, रात भर खूब चुदाई होती है।