Chacha Bhatiji ki chudai:
सभी लंड वाले मर्दों के मोटे लंड पर किस करते हुए और सभी खूबसूरत जवान चूत वाली रानियों की चूत को चाटते हुए सभी का मैं स्वागत करती हूँ। अपनी कहानी सेक्सी हिन्दी स्टोरी के माध्यम से आप सभी मित्रो तक रही हूँ। ये मेरी पहली स्टोरी है। इसे पढकर आप लोगो को मजा जरुर आएगा, ये गांरटी से कहूंगी।
मेरा नाम पूर्णिमा मिश्रा है। मैं कानपुर की रहने वाली हूँ। मैं जवान और खूबसूरत लड़की हूँ और अभी 20 साल की हुई हूँ। मैं देखने में बिलकुल कच्ची कली लगती हूँ और मुझे सेक्स करना और चुदना बड़ा पसंद है। मेरे कई बोयफ्रेंड है जो मुझे कई बार चोद चुके है। मैं जादातर जींस टॉप पहनती हूँ जिसमे मेरी मोटी सी गांड और चुतड साफ़ साफ़ दिख जाते है। मेरा फिगर 36 30 34 का है। दूध बड़े और गांड काफी मोटी है जिस वजह से मेरी जवानी लड़को को साफ साफ़ दिख जाती है। कितने लड़के मुझे चोदने को परेशान रहते है, पर मेरा भी स्टैण्डर्ड काफी हाई है।
मैं सिर्फ हैंडसम मर्दों से चुदना पसंद करती हूँ। अब तो मैं सेक्स करने में पूरी तरह से ट्रेंड हो गयी हूँ। जवां मर्दों का लौड़ा हाथ से फेट फेटकर मुठ देती हूँ और मुंह में लेकर चूसती हूँ। मुझे गांड मराने का बड़ा शौक है। दोस्तों मैं इतनी गर्म लड़की हूँ की अगर 2 3 दिन में न चुदाऊं तो दिल में बड़ी बेचैनी होने लग जाती है। अब स्टोरी पर आती हूँ।
ये परसों की बात है। नया साल आने वाला था और मेरे घर में सब लोग नये साल 2018 को अच्छे से मनाना चाहते थे। 31 दिसम्बर की शाम से ही सब लोग रात के 12 बजने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मेरे घर में मैं, मम्मी, पापा, दादा दादी और मेरे चाचा जी है। मेरे चाचा का नाम उर्विल है और वो अभी कॉम्पिटीशन की तैयारी कर रहे है। कई बार मेरे दूध दबा दबाकर मजा ले चुके है। आज से नही, मेरे चाचा मुझे कई साल से चोदने के जुगाड़ में थे। उनकी ऐज अभी 23 साल है। इस तरह से हम दोनों हमउम्र है। उर्विल चाचा मुझे पढ़ाने के बहाने कई बार मेरे सेक्सी होठो का किस भी ले चुके थे। वो देखने में बड़े स्मार्ट थे इसलिए मुझे भी अच्छे लगते थे। इस तरह से कई साल से हम दोनों का रोमांस चल रहा था। 31 दिसम्बर की रात को घर के सारे लोग रात के 12 बजने का इंतजार कर रहे थे। मेरे पापा पीने खाने वाले आदमी है। उन्होंने उर्विल चाचा को मार्किट भेजकर कई बोतल शराब माँगा ली जिसमे हर तरह की शराब थी।
मेरी मम्मी अक्सर बियर पीती है, इसलिए पापा ने वो भी मंगा दी थी। चाचा रम, बियर, व्हिस्की और शेम्पेन की कुछ बोतल ले आये थे। हमारी कालोनी में जवान लड़के DJ चलाकर डांस कर रहे थे। सब तरफ बड़ा रंगीन मौसम था। फिर रात के 12 बजे आतिशबाजी होने लगी। कालोनी में कई अंकल लोग अपने अपने घरो की छत पर खड़े होकर पटाखे दगाने लगे।
“अरे बेटी!! पूर्णिमा!! अपने चाचा से बोल दे की बोतले ले आये। अरे पीने का वक़्त हो गया भाई!!” पापा जी बोले
मैंने उर्विल चाचा को बुलाया। वो शेम्पेन की बोतल खोलकर सबके लिए ग्लास में निकालने लगे। फिर दादा जी, पापा और उर्विल चाचा पीने लगे। फिर डांस होने लगा। सभी लोगो ने डांस किया और रात के 3 बज गये। मैंने मम्मी के साथ बैठकर बियर पी ली। मुझे काफी चढ़ गयी। सब लोग टल्ली होकर इधर उधर लुढ़क गये। सिर्फ मैं और उर्विल चाचा होश में थे। वो धीरे से मेरे पास आये और उनके कमरे में जाने के लिए कहने लगे। मैं समझ गयी की आज वो जरुर कोई शरारत करेंगे। मैं बियर के नशे में झूमते हुए चाचा के कमरे में पहुच गयी। अंदर जाते ही उन्होंने मुझे पकड़ लिया और इधर उधर किस करने लगे।
“ये सब क्या चाचा जी??” मैंने कहा। नशे से मेरी आवाज लड़खड़ा रही थी।
“भतीजी!! क्या तू अपने न्यू इयर को स्पेशल बनाना चाहती है??” उर्विल चाचा बोले
“यस!!!” मैंने नशे में झूमकर कहा
“आज तेरे संग चुदाई हो जाए!!” चाचा मेरे कान में आकर कहने लगे
“जरुर क्यों नही!! आज मुझे अच्छे से चोदो!! मेरी गांड भी मारो चाचा” मैं बोली
मैं नशे में थी और मुझे होश नही था। फिर चाचा ने फिर से रम की बोतल निकाली और 1 1 शॉट्स हम दोनों ने फिर से लगा दिया। अब मुझे सब कुछ उल्टा पुल्टा दिख रहा था। मुझे एक एक चीज 5 5 दिख रही थी। धीरे धीरे चाचा ने मेरे साथ चुम्मा चाटी शुरू कर दी। मुझे अपने बिस्तर पर लिटा दिया और अंदर से रूम का दरवाजा अच्छे से बंद कर दिया। उसके बाद चाचा ने एक एक करके अपने सारे कपड़े निकाल दिए। मेरी जींस उर्विल चाचा ने खोली। बहुत टाईट जींस थी इसलिए उनको खींचकर निकालनी पड़ी। फिर मेरे टॉप को उन्होंने उतार दिया। दोस्तों अब रात के 4 बजे थे और काफी ठंड हो रही थी।
आज नये साल वाले दिन मैं चाचा से चुदने वाली थी। उन्होंने ही मेरी ब्रा और पेंटी अपने हाथ से उतारी। जैसे ही मैं नंगी हुई मैं किसी पंखनुची मुर्गी की तरह दिख रही थी। चाचा ने अपना अंडरवियर उतार दिया। उसके बाद मुझ पर ऐसे टूट पड़े जैसे कोई भेड़िया खरगोश का शिकार करता है। मैं पूरी तरह से नंगी थी और मेरा जिस्म सिर से पाँव तक दूधिया लाल लाल क्रीम कलर का दिख रहा था। नये साल के स्वागत करने के लिए मैंने हाथो और पैरो पर मेहँदी लगाई हुई थी। हाथो की उँगलियों में मैंने पर्पल कलर की नेल पोलिश लगाई थी जो बहुत सेक्सी दिख रही थी। मैंने कल सुबह ही अपनी चूत को झांटो को अच्छे से शेव कर लिया था इसलिए अब मेरी चूत पूरी तरह से साफ सुथरी थी और चमक रही थी।
“उफ्फ्फ्फ़ भतीजी!! तेरे हुस्न का जवाब नही” उर्विल चाचा ने मुझे घूरकर कहा
उसके बाद मेरे पर लेट गये और मुझे सब जगह चुम्मा लेने लगे। मैंने भी चाचा को बाहों में जकड़ लिया और खुद से प्यार करने के लिए कहने लगी। मेरे गाल पर पप्पी देने लगे। फिर मेरे होठो को कुछ देर देखते रहे। कुछ सेकंड बाद मुंह पर मुंह रखकर मेरे होठ का रस चूसने लगे। मैं भी नशे में थी और आज का नया साल सेलिब्रेट करना चाहती थी। इसलिए मैं भी उर्विल चाचा को किस करने लगी। वो मेरे ओंठ को जोश के साथ काट रहे थे, चबाये जा रहे थे। मेरी साँसों की सुगंध ले रहे थे। फिर मेरे चिकने सनी लिओन की तरह दिखने वाले 36” के दूध को हाथ से दबाने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
“भतीजी!! मजा आ रहा है की नही” चाचा बोले
“बहुत मजा आ रहा है चाचा! और दबाओ न” मैं कहने लगी
मेरी इजाजत मिलने के बाद चाचा और रोमांचित हो गये और दोनों दूध को दबा दबाकर रस निकालने लगी। मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”” कहने लगी। फिर तो वो दोनों हाथ से मेरे बड़े बड़े दूध को ऐसे मसलने लगा की आप लोगो को क्या बताऊ। मेरी चूचियाँ को कई मर्दों ने अभी तक दबाया था। इसलिए काफी बड़ी बड़ी हो गयी थी। सफ़ेद दूध की निपल्स काली काली थी और चारो ओर काले काले गोले मेरे दूध की सुन्दरता को और बढ़ा रहे थे। उर्विल चाचा को मेरे दूध काफी पसंद आये। कुछ देर पास से आकर देखते रहे, फिर मुंह में लेकर चूसने लगे। जब मेरी निपल्स को मुंह में लेकर चूसने लगे तो मैं आप लोगो को बता नही सकती हूँ की मुझे कितना मजा आया। आज मैं चाचा के साथ पहली बार सेक्स कर रही थी। मेरे बॉयफ्रेंडस ने कई बार मुझे चोदा तो था पर मेरे दूध नही पिये था। पर आज चाचा ने तो बड़ा मजा दे दिया।
वो मेरी गेंद जैसे बड़े बड़े संतरे को कस कसके हाथ से दबाये जा रहे थे और मुंह में लेकर चूस रहे थे। मैं तो बस “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की सिसकियाँ ही ले पा रही थी। चाचा की ऐसी ताबड़तोड़ चुसाई से मेरा रोम रोम प्रफुल्लित होने लगा और दिल कर रहा था की बस रातभर चुदाती रहूँ। मैंने भी उर्विल चाचा के नंगे बदन को बाहों में भर लिया और प्यार करने लगी। वो मेरे कबूतर चूसने में बिसी थे और मैं उनके पूरे चेहरे को हाथ लगाकर प्यार कर रही हूँ।
“ओह्ह चाचा जी!! आज तो आपने मेरी बुर से पानी निकलवा दिया” मैं कहने लगी
“भतीजी!! मुझे अगर पता होता की तू इतनी जोर की माल है तो तुझे पहले ही चोद लेता” उर्विल चाचा बोले
उसके बाद मेरी दूसरी चूची भी इसी तरह मुंह में लेकर बड़ी देर तक चूसते रहे। फिर मेरे पेट कर कितनी बार उन्होंने पप्पी ली। फिर मेरी नाभि में जीभ घुसाकर चूसने लगे। दोस्तों मेरी नाभि काफी सेक्सी थी और चूत जितनी गहरी थी। कई मिनट तक मेरी नाभि से खेलते रहे। पर चूत से छेड़छाड़ करने लगे।
“आज नया साल है चाचा जी!! मेरी बुर पीजिये!! चाट लीजिये इसको अच्छे से!!” मैं बोली
चाचा ने बियर की एक कैन खोली और मेरी चूत पर बियर डालने लगे। फिर चूत के नीचे मुंह लगाकर चूत के रस से भीगी बियर पीने लगे। मैं “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी। चाचा ने चूत को जीभ से चाटना शुरू किया जिसमे मुझे नये तरफ का मजा मिल रहा था। बियर की वजह से चूत में हल्की जलन हो रही थी। इस तरह चाचा ने बड़ा मस्त काम किया। उसके बाद अपना लंड हाथ से जल्दी जल्दी मुठ देने लगे। दोस्तों आपको मैंने अपने चाचा का लंड के बारे में तो बताया ही नही। उनका लंड काफी मोटा है और 10” लम्बा है। बिलकुल मर्दाना लंड है जो किसी भी लड़की की चूत की सील एक बार में तोड़ दे। उर्विल चाचा जल्दी जल्दी लंड फेटने लगे और फिर मेरी चूत को डालने लगे। मुझे दर्द होने लगा।
फिर उन्होंने एक तगड़ा झटका मारा और 5” लंड मेरी चुद्दी में उतार दिया। मेरा मुंह दर्द से खुल गया था। वो मेरे ओंठो पर किस करने लगे। फिर से चूसने लगे। मुझे फिर से राहत मिलने लगी। कुछ देर में उर्विल चाचा ने फिर से चूत में धक्का दे दिया और इस बार अपना 10” लम्बा लौड़ा पूरा ही अंदर डाल दिया। उसके बाद मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगे। मैंने अपने दोनों हाथो से उनको पकड़ रखा था और उनको प्यार कर रही हूँ। वो जल्दी जल्दी अपना पिछवाड़ा उठा उठाकर मुझे घपाघप चोदने लगे। मेरी चूत को अपने मोटे लंड वाले सिलबट्टे से पीस रहे थे। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की सिसकियाँ निकाल रही थी। मुझे बहुत जादा मजा मिल रहा था।
कुछ देर बाद उर्विल चाचा और कस कसके चूत में धक्के देने लगे और फिर तो मुझे जन्नत ही दिखा दी।
“ओह चाचा जी!! ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ… मार डाला आपने!!” मैं कहने लगी
“भतीजी!! मेरा न्यू ईअर का गिफ्ट तुझे कैसा लगा??” चाचा जी चूत में लंड अंदर बाहर करते करते बोले
“मस्त लगा चाचा जी!!” मैंने कहा
उसके बाद वो फिर से मेरी फुद्दी की तरफ देखने लगे और जल्दी जल्दी गेम बजाने लगे। मेरी चूत के दाने को अपने हाथ से जल्दी जल्दी हिला रहे थे जिससे मुझे बहुत अधिक यौन कामोतेज्जना मिल रही थी। कुछ देर बाद चाचा जी झड़ने वाले थे। फिर उन्होंने लंड मेरी चूत की गुफा से निकाला और मेरे चूत पर मुठ देने लगे। मैं अपने दूध अपने हाथो से कस कसके दबाए जा रही थी। फिर चाचा के लंड ने माल की बारिश मेरी चूत पर कर दी। मेरी सांवली सलोनी बुर उनकी सफ़ेद क्रीम से भीग गयी थी। उर्विल चाचा मेरे साइड में आकर लेट गये। मेरे 36” के दूधो से फिर से खेलने लगे। मैंने रुमाल से अपनी बुर को पोंछ कर साफ़ किया। अब मेरा नशा भी काफी उतर गया था। चाचा ने मेरा हाथ पकड़ा और लंड पर जाकर रख दिया। अब मैं फिर से उनका लौड़ा फेटने लगी। हम दोनों की अच्छी जोड़ी जम गयी थी।
“चाचा जी!! आपने तो मुझे सबसे अच्छा हैपी न्यू ईअर गिफ्ट दिया है” मैंने कहने लगी
वो फिर हँसने लगे।
“भतीजी!! अगर तुम चाहो तो हर रोज तुमको इस तरह का गिफ्ट मिल सकता है” उर्विल चाचा बोले
“क्या सच में…??” मैं चहक कर बोली
“हाँ!!” वो बोले
उसके बाद मैंने उनसे बोला की मुझे रोज ही ऐसा खूबसूरत चुदाई वाला गिफ्ट दे दिया करे। अब फिर से चाचा गर्माने लगे। मैं उनके लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी। कितना बड़ा और सेक्सी लंड था दोस्तों। मैं हाथ से जल्दी जल्दी फेटने लगी और टाईट बनाने लगी। उर्विल चाचा को बड़ा अच्छा लग रहा था। फिर मैं झुक गयी और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। चाचा जी ….ऊँ—ऊँ… ऊँकरने लगे। उनको भी काफी अच्छा लग रहा था। वो बड़े मजे लेकर चुसवा रहे थे। मैंने उनकी गोलियों को दबाना शुरू किया और लंड को कुल्फी की तरह चाट रही थी। मैं अब काफी उत्तेजित महसूस कर रही थी
“करो भतीजी !! और अच्छे से चूसो मेरी कुल्फी को!!” उर्विल चाचा बोले
मैं और मेहनत से चूसने लगी। अपने मुंह में अंदर तक लेकर चूस रही थी। सर हिला हिलाकर चूस रही थी। फिर गोलियों को मुंह में लेकर चूसने लगी जिससे चाचा को जादा से जादा मिल सके।
“चलो भतीजी!! घोड़ी बन जाओ” उर्विल चाचा बोले
“वो कैसे बनते है चाचा??” मैंने पूछा
उन्होंने मुझे बताया। फिर मैं घोड़ी बन गयी। अब चाचा ने मेरे बड़े बड़े चूतड़ और गांड पर हाथ लगाना शुरू किया तो बड़ा अच्छा लग रहा था। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। फिर उर्विल चाचा मेरी चूत को जल्दी जल्दी जीभ निकालकर चाटने लगे। मुझे बड़ा मीठा अहसास हो रहा था। दोस्तों, जिस तरह से कोई चोदू कुत्ता किसी कुतिया की चूत को जीभ लगा लगाकर चाटता है उसी तरह से चाचा मेरे साथ कर रहे थे। एक बार फिर से मैं आनन्द विभोर हो रही थी। चाचा जी अपनी खुदरी जीभ को मेरी मलाई मक्खन जैसी चूत पर घुमा घुमाकर मुझे तृप्त कर रहे थे। उन्होंने 15 मिनट से अधिक वक्त तक बुर चटाई का काम किया।
फिर से लंड मेरी चूत में पीछे से किसी कुत्ते की तरह घुसा दिया और चुदाई शुरू कर दी। मैं अपने दोनों हाथो और घुटनों को मोड़कर घोड़ी बनी हुई थी। उर्विल चाचा धक्के पर धक्के लगा रहे थे। मेरी चूत में उनका 10” लौड़ा बड़ी अच्छे से फिट हो रहा था। चाचा जोर जोर से मेरी चूत में गोल कर रहे थे जैसे फ़ुटबाल का खेल खेल रहे हो। एक बार फिर से मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” की आवाजे निकालने पर मजबूर हो गयी थी।
“भतीजी!! तुम तो कच्ची कली हो!! ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी” चाचा कह रहे थे
“आज इस कच्ची कली को कुचल पर फूल बना दो चाचा जी!! आज मुझे इतना चोदो आप” मैं भी कह दी
उसके बाद उन्होंने मेरा 40 मिनट तक गेम बजाया और फिर से चूत में झड़ गये। ये वाला 2018 का हैपी न्यू ईअर मेरा अभी तक का सबसे अच्छा न्यू ईअर था।