Bahen ki chudai:
मैं छोटा था मेरी बहन बड़ी थी। अचानक ही मेरी बहन का तबियत खराब हो जाता था। मम्मी पापा मुझे कमरे में बंद कर देते थे और कहते थे कर लेना। वो लोग बाहर खड़े रहते थे और मैं अपनी बहन की चुदाई करके बाहर आता था और वो शांत हो जाती थी। आपको अपनी सेक्स कहानी सूना रहा हूँ इस वेबसाइट पर यानी सेक्सी हिन्दी स्टोरी पर। यहाँ पर आप दोस्तों को इसलिए अपनी बातें शेयर कर रहा हौं क्यों की मैं भी आपकी कहानियां पढता हूँ तो मेरा भी फर्ज है मैं अपनी कहानी आपको बताऊँ।
मेरा नाम अनिल है। मैं राजस्थान से हूँ। मेरी बहन प्रतिभा दीदी बहुत ही हॉट और सुन्दर है। अब उनकी शादी हो गई है। पर मैं ये कहानी जो आपको कह रहा हूँ वो उनके शादी के पहले की है। शादी को हुए पांच साल हो गए अब वो बीमारी भी ख़तम हो गई। यहाँ मैं तब चुदाई करता था जब उनका तबियत खिताब होता था और अपने पति से रोजाना चुदती थी इसलिए वह बीमारी ही ख़तम हो गया। आपको मैं अपनी पूरी बात बताऊंगा पापा क्या कहते थे और मम्मी क्या कहती थी। और जब दीदी का तबियत ख़राब होता था तभी मुझे चुदाई करने का परमिशन था। वो दोनों साफ़ साफ़ हम दोनों को कह दिए थे की कभी भी बिना बिमारी के तुम दोनों करीब नहीं आओगे। उन्होंने कसम दे रखा था इसलिए मैं तभी उनकी चूत की गर्मी तभी शांत करता जब वो बीमार होती।
इन सभी की शुरआत कैसे हुए आइये अब जानते हैं। एक बार मेरी बहन बाजार गयी थी वो घर आते आते वो रस्ते में गिर गयी। उनके मुँह से झाग निकल रहा था और वो काफी काँप रही थी उन्होंने अपनी आँखें अंदर कर ली थी ये सब देखकर हम पुरे घरवाले बहुत ही ज्यादा डर गए हम लोग उसको डॉक्टर को दिखाने ले गए। डॉक्टर ने दो दिन तक उसको भर्ती रखा और वो ठीक हो गयी। पर उससे हुआ क्या था डॉक्टर को भी नहीं पता चला उसका रिपोर्ट नार्मल था। घर आ गयी सब कुछ ठीक ठाक चलने लगा।
एक दिन फिर वही समस्या फिर डॉक्टर के पास डॉक्टर फिर एडमिट मिया और फिर से वही सब कुछ एकदम दो दिन में नार्मल, यानी ऐसा हमेशा होने लगा था। और हम लोग इतने सक्षम नहीं थे की महीने में दो बार डॉक्टर के यहाँ जाएँ और भर्ती करें। फिर पापा ने एक साधु को सारी बातें बताई उसने कहा देखिये इसका इलाज शादी है। आप समझ गए ना मैं क्या बोल रहा हूँ हां गर्मी शांत होती ये ठीक हो जाएगी।
फिर मेरे पापा मम्मी को यही बात एक और लोग बताया। अब उन दोनों को यकीं हो गया की अगर वक्त रहते शादी नहीं की जाये तो इसकी जान जा सकती है। पर इतना जल्दी लड़का मिलना भी मुश्किल था। पर अब और भी ज्यादा तबियत ख़राब होने लगा। हम सभी बहुत परेशान हो गए। एक ही इलाज था शादी या चुदाई। एक दिन रात को पापा मम्मी से बात कर रहे थे की अगर जल्दी शादी नहीं हुई तो लड़की से हाथ धो लेना पड़ेगा। मम्मी बोली जी ऐसे ना बोले जल्दी से जल्दी कुछ इंतज़ाम करो। तो पापा बोले एक भी उपाय है शादी और सम्बन्ध।
फिर माँ बोली अगर लड़का नहीं मिल रहा है और टाइम लग रहा है तो क्यों ना इसको अनिल के साथ सुला दें। पापा बोले पागल हो गयी हो क्या भाई और बहन तुम्हारा दिम्माग ख़राब है। मम्मी बोली और भी कोई उपाय है तो मुझे बताओ मुझे तो लग रहा है अगर जान बचाने हो तो क्या भाई क्या बहन। किसी की जान जा रही है और तुम हो की भाई और बहन। जान बच जाने दो फिर राखी बंधवाते रहना अभी तो बस यही एक रास्ता है।
पापा बोले पर मेरा मन नहीं मानता। तभी कमरे से आवाज आने लगी पापा जल्दी आओ पापा जल्दी आओ मैं भी भाग कर गया फिर से मेरी बहन वैसे ही तड़प रही थी। रात के दस बज गए थे। पापा बोले डॉक्टर के पास चलते हैं। मम्मी बोली आज यही करके देखते हैं जो हमलोग बात कर रहे थे। पापा बोले ठीक है मैं घर से बाहर जाता हूँ मचान पर सो जाऊंगा अगर को दिक्कत ज्यादा हो तो बता देना। मैं घर में नहीं रहूंगा। मम्मी बोली ठीक है पर मुझे अनिल से भी बात करनी पड़ेगी। अनिल अगर मना कर दिया तो ?