bahen ki chudai :
बच्चे की डिलीवरी में मेरी बीवी की मौत के बाद मेरी 19 साल की जवान बहन ने मेरे बेटे को संभाला. मुझे अपनी बहन से ही प्यार हो गया. मैं अपनी बहन की जवानी को पाना चाहता था.
आज इस रियल घटना को एक दिलचस्प सेक्स कहानी का रूप देकर मैं सेक्सी हिन्दी स्टोरी के अपने साथी पाठकों को भेज कर रहा हूँ. उम्मीद है कि सेक्सी हिन्दी स्टोरी पर लोग इस सेक्स कहानी को काफ़ी पसंद करेंगे.
मेरे परिवार के लिए यह यादगार और एक सुखद घटना थी.
मैं शकील बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत हूँ. अब्बू की आकस्मिक मृत्यु हो जाने के बाद अम्मी और छोटी बहन की सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी. परिवार में मेरे अलावा अम्मी, छोटी बहन और पत्नी साजिया थे.
शादी के 6 साल बाद मैं बाप बनने वाला था. घर में अम्मी और छोटी बहन नसरीन बहुत खुश थे. वे खुश होते भी क्यों नहीं, आज बहुत दिन बाद घर में हर्ष वा उल्लास का माहौल था क्योंकि नया मेहमान जो आने वाला था.
डेलिवरी का दिन आ गया. साजिया को हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया. मगर दुर्भाग्य से केस बिगड़ गया. बच्चे के जन्म के साथ ही साजिया की मृत्यु हो गयी. बच्चे को डॉक्टरों ने बचा लिया.
इस घटना के बाद कुछ ऐसी परिस्थिति पैदा हो गयी थी कि मेरे बच्चे सलमान की देखभाल की सारी ज़िमेदारी अम्मी और नसरीन पर आ गयी थी.
ख़ास कर नसरीन जो अभी सिर्फ़ 19 साल की कमसिन लड़की थी. वो बारहवीं का एग्जाम देने वाली थी. पर बेचारी पर नयी ज़िम्मेदारी आ गयी थी. खैर … जैसे तैसे नसरीन ने बारहवीं का एग्जाम दिया और पास भी कर गयी.
समय बीतता गया और हालात ने करवट ले ली. सलमान की देख रेख करते करते कब मैं नसरीन की तरफ आकर्षित हो गया, कुछ पता ही नहीं चला. मासूम बच्चे की वजह से मैं नसरीन के काफ़ी निकट आ चुका था. अम्मी भी इन बातों से अंजान नहीं थीं. वो मेरी आंखों में नसरीन के लिए उमड़ते प्यार को समझ रही थीं. इन नज़रों में नसरीन के लिए एक भाई का जो प्यार और स्नेह होना चाहिए, वो बिल्कुल नहीं था. बल्कि मेरी आंखों में एक अलग सी चमक और अजब सी चाहत साफ़ दिख रही थी.
नसरीन अक्सर काम में बिज़ी रहती थी. मैं चोरी छिपी तिरछी नज़रों से उसके भरे भरे उछलते थिरकते नितंबों और चुचियों को बड़े प्यार और ललचाई नज़रों से देखता रहता. बेचारी नसरीन इन बातों से अंजान थी कि उसके अपने सगे बड़े भाई की नियत उसकी जवानी पर खराब हो चुकी है. वो इन बातों से बेख़बर अपने भाई और उसके बच्चे की सेवा निस्वार्थ किए जा रही थी.
इधर मैं नसरीन को लेकर अम्मी से संजीदगी से बात करना चाहता था. मैं नसरीन की भरपूर जवानी से खेलने के लिए बेक़रार रहने लगा था.
जब मैंने अम्मी से इस बारे में से बात की, तो अम्मी का रुख़ भी सकारात्मक था.
अम्मी बोलीं- बेटा, मैं तेरे जज़्बात और भावनाओं को अच्छी तरह समझती हूँ. मैंने तेरी आंखों में नसरीन के लिए भरपूर और बेइंतहा प्यार को देखा है. तेरे मन में उसको लेकर क्या क्या भावनाएं हैं, वो मैं सब जानती हूँ. मेरी भी हार्दिक इच्छा है कि वो बच्चे के साथ साथ तुझे भी अपना ले. बेटा मेरी भी दिली तमन्ना है कि मैं तुम दोनों को दामाद और बहू के रूप में देखूं. तुम दोनों के मिलन से जन्मे बच्चों से मेरे नानी और दादी के दो रिश्ते हो जाएंगे. मैं तो यह सोच कर ही रोमांचित हो जाती हूँ. बेटा मैं एक बात कहूँ, तेरे बाप ने आज से 18 साल पहले मेरी कोख में अपना बीज डाला था, जो आज नसरीन के रूप में एक फलदार पेड़ तैयार हो चुका है. बाप के लगाए पेड़ का यह फल बहुत मीठा है … और मैं चाहती हूँ कि नसरीन के रूप में ये मीठा फल तू ही खाए.
अम्मी की बातें सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. नसरीन की जवानी का मीठा फल खाने का इशारा नसरीन की चुदाई से था. एक तरह से अम्मी मुझे हरी झंडी दे रही थीं. अम्मी की बात से मैं अन्दर ही अन्दर बहुत खुश था.
मैं पुराने दिनों में चला गया और मेरी आंखों के सामने वे दिन घूमने लगे. वो छह साल पहले की बात थी, उस वक़्त नसरीन छोटी थी. वो रविवार का दिन था नसरीन आंगन में लगे पानी के नल पर पूरी तरह निवस्त्र होकर नहा रही थी. मैं ऊपर की मंजिल से यह सब देख रहा था. नसरीन के नितंब और चुचियां आकार लेने लगे थे. अभी उसका पीरियड स्टार्ट तो नहीं हुआ था … लेकिन चुत में उभार आ चुका था. जो यह संकेत था कि 5-6 महीने के अन्दर ही उसका मेन्स स्टार्ट होना निश्चित है.
उस दिन उसे नग्न देख कर मैं बहुत गर्म हो गया था. लेकिन वाह री क़िस्मत, जिस चीज़ के लिए मैं उस दिन तरस रहा था … आज हालात ऐसे बन गए कि वो खुद ब खुद मुझे हासिल होने वाली थी. नसरीन जैसी सील पैक लड़की की चुदाई मेरे लिए सौभाग्य की बात थी.
मैंने अम्मी से कहा- अम्मी मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं जल्द से जल्द आपकी यह इच्छा पूरी कर सकूँ.
अम्मी बोलीं- बेटा तुम निश्चिंत रहो, मैं इस सिलसिले में नसरीन से बात करूंगी. मुझे आशा है कि मैं उसे समझा बुझा कर तुम्हारे लिए तैयार कर लूँगी.
फिर एक दिन मौका देख कर अम्मी ने नसरीन से अपने मन की बात कह दी.
पहले तो नसरीन नाराज़ हो गयी और गुस्से से बोली- अम्मी आप ये क्या फालतू बात कर रही हो. तुम्हें क्या हो गया? यह कभी नहीं हो सकता. समाज क्या कहेगा … अम्मी यह पाप है. भाई के साथ … छी …
अम्मी ने उसे ज़माने की ऊंच-नीच समझाई. अगर समझाया कि शकील का दूसरा विवाह किसी गैर और अंजान लड़की से हुआ, तो वो बच्चे के साथ कैसा सलूक करेगी. सौतेली अम्मी सौतेली ही होती है.
नसरीन चुपचाप सुनती रही.
अम्मी उसे देखते हुए बोलीं- बेटी तू इस मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक विचार कर. उसे बड़े धीरज से सब समझाया कि मुझे और शकील को जब कोई एतराज़ नहीं है, तो तुझे क्या आपत्ति है.
नसरीन यह सुन कर स्तब्ध रह गयी कि बड़े भाई उसी से दूसरा विवाह करना चाहते हैं. हालांकि उसके मन को चोट लगी … लेकिन अम्मी ने उससे बहुत समझाया कि क्या पता कोई दूसरी लड़की अगर शकील की पत्नी बनी, तो वो हमारे और शकील के बीच दरार ना पैदा कर दे. मेरा और तुम्हारा खर्चा उसी की आमदनी के पैसों से चलता है. तुम इस पर गंभीरता से विचार करो बेटी.
तब नसरीन ने अम्मी से निर्णय के लिए एक हफ्ते का समय मांगा. चार दिनों तक नसरीन ने कोई जवाब नहीं दिया.
इसी दरम्यान मैंने नसरीन को लैपटॉप चलाना सीखने की सलाह दी और उससे कहा कि आज के दौर में कंप्यूटर सीखना कितना जरूरी है.
यह कह कर मैंने अपना लैपटॉप नसरीन को दे दिया. मई रोज उसे एक घंटे लैपटॉप चलाना सिखाने लगा. मैं ख़ास तौर से उसे वीडियो देखना सिखा रहा था. किधर से वीडियो का फोल्डर खोलते हैं और कैसे कोई वीडियो को कान में ईयरफोन लगा कर देखते हैं.
इसी के साथ मैं उसके जवाब का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था. क्योंकि मैं नसरीन को हर हाल में पाना चाहता था.
फिर मैंने एक प्लान बनाया. उस दिन सुबह सवेरे 7 बजे मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुसा और जानबूझ कर तौलिया नहीं ले गया था.
नहाने के बाद मैंने नसरीन को आवाज़ दी- ओ नसरीन … ज़रा मुझे तौलिया तो दे देना, मैं लाना भूल गया.
उस दिन अम्मी के पैरों में हड्डी का दर्द कुछ ज्यादा था.
नसरीन तौलिया लेकर आई और बाथरूम का दरवाजा खटखटा कर तौलिया लेने का कहा. मैंने दरवाजा खोल दिया. इस समय मेरे शरीर पर एक धागा भी नहीं था. नसरीन की नज़र जैसी ही मेरे 9 इंच के लंड पर पड़ी, वो अवाक और स्तब्ध रह गयी.
उसके मुँह से सिर्फ़ इतना ही निकला- बाप रे … इतना बड़ा.
मैंने साफ़ तौर पर देखा कि तौलिया देते समय उसकी नज़र मेरे लंड पर थी. मेरा लंड इस समय बंदूक की नाल की तरह तना हुआ था और अप-डाउन कर रहा था. फिर जैसे ही उसकी नज़रें मेरी नज़र से मिलीं … वो बुरी तरह झेंप गयी.
तभी मैंने शरारत से बोला- अरे यार नसरीन … मेरा ये छोटू तुमसे दोस्ती करना चाह रहा है.
नसरीन सिर्फ़ इतना बोल कर भाग गयी- धत्त भाईजान … आप भी ना … ये छोटू कहां है.
इस घटना ने आग में घी का काम किया. मेरा प्लान काम कर गया. अब नसरीन मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थी. बल्कि मेरे सामने आने से कतरा भी रही थी.
दो दिन बाद मेरी आपा आने वाली थीं. अम्मी ने ही उन्हें बुलाया था. आपा भी हम दोनों की शादी के फेवर में थीं. आपा ने आने के साथ नसरीन को समझाना और मनाना शुरू कर दिया.
मैं जानता था कि आपा मेरे फेवर में आई हैं और वो नसरीन को मना ही लेंगी. नसरीन के भी मान जाने को लेकर मैं काफी पॉजिटिव था. क्योंकि मैंने बड़ी होशयारी से नसरीन को देखने के लिए लैपटॉप में पॉर्न वीडियो डाल रखे थे और उसे अपने फनफनाते हुए लंड का दीदार भी करवा चुका था. मुझे पता था कि किसी भी जवान लड़की की सेक्स इच्छा को उभारने के लिए यह सब करना ज़रूरी होता है.
हफ़्ता पूरा होने से पहले ही उसने अपनी सहमति दे दी. यह सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि अब नसरीन की चुदाई करने का मेरा सपना पूरा होने वाला था. अम्मी और आपा ने काजी जी बात की. काजी जी ने दोनों के निकाह की बात मान कर दस दिन बाद शादी की तारीख दे दी.
इत्तफ़ाक़ से कुछ ही दिन बाद नसरीन भी मासिक पीरियड से निवृत होने वाली थी. मासिक पीरियड से निवृत होने के बाद लड़कियों की सेक्स करने की इच्छा पूरे उफान पर होती है. मेरा काम और आसन हो गया था. पीरियड से निवृत होने के दूसरे दिन आपा नसरीन को ब्यूटी पार्लर ले गईं. उसे उधर ले जाकर उसके पूरे जिस्म की वैक्सिंग करवाई. अंदरूनी बाल साफ़ करवाने के दौरान आपा ने नसरीन की चुत को गौर से देखा. ब्यूटीशियन ने आपा के इशारे पर चुत की दरार खोल कर नसरीन की वर्जिनिटी दिखा दी … जो पूरी तरह से सीलपैक बुर थी. ब्यूटी पार्लर से लौट कर आपा ने मुझे यह खुशख़बरी दी.
अब सिर्फ़ सील तोड़ने में ही मेहनत करनी बाकी थी.
आख़िर निकाह का दिन आ ही गया. निकाह की रस्म भी पूरी हो गयी.
उसी रात के 9 बजे सुहागरात के लिए आपा मुझे अपने साथ लेकर नसरीन के पास ले गईं और बोलीं- बेटा … देखो मेरी नसरीन बेटी बड़ी ही मासूम है, एकदम कच्ची कली जैसी है. इसे ज़बरदस्ती फूल मत बना देना. तुम जो करना, बड़े प्यार से करना.
उधर नसरीन आपा की बात सुन कर अन्दर ही अन्दर शर्माने के साथ डर भी रही थी. लेकिन उसकी मेरे लंड से चुत चुदाई करवाने की इच्छा भी थी. वो लैपटॉप पर पॉर्न फिल्म में एक साथ 3 मर्दों और एक लड़की की भंयकर चुदाई की कई वीडियोज देख चुकी थी. नसरीन मन ही मन अपने बड़े भाई (अब पति) के 9 इंच लंबे लंड से चुदने के लिए अपने आपको तैयार कर चुकी थी.
आपा कमरे से जा चुकी थी. मैंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और नसरीन के निकट आकर बैठ गया.
उसके मेहंदी लगे हाथों को अपने हाथों में लेकर चूमते हुए मैं बोला- नसरीन … मेरी जान. तुम मुझसे शादी करके खुश तो हो ना?
नसरीन ने नज़रें झुकाए हुए अपने सर को हां में हिला दिया. मैंने नसरीन की ठोड़ी को पकड़ कर उठाते हुए कहा- नसरीन … बोलो ना … आई लव यू … डू यू लव मी?
वो शर्म से सर झुकाए हुए खामोश थी.
जब मैंने उससे बार बार अपनी बात कही, तो वो शर्मा कर बोली- यस आई लव यू.
मैं नसरीन के चेहरे को ऊपर करके अपने होंठ नसरीन के होंठ पर रख कर किस करने लगा. वो मेरा साथ देने लगी, मगर अब भी उसकी अदा में झिझक थी. कुछ देर बाद मैंने एक हाथ बढ़ा कर नसरीन की एक चुचि को दबा दिया. नसरीन शर्म से लाल हो गयी. वो बुरी तरह से कसमसा रही थी. लेकिन मैं अपनी बहन जो अब मेरी बीवी बन चुकी थी, उसकी भरपूर जवानी का मज़ा लेने के लिए बेक़ाबू हो रहा था.
धीरे उसके जिस्म के हर हिस्से को सहलाते और रगड़ते हुए मैंने उसको पूरी तरह नंगा कर दिया. खुद के भी सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया. नसरीन अपने भाई के काले नाग की तरह फनफ़नाते हुए लंड को देख कर और गर्म हो गयी.
इधर मैंने नसरीन को लिटा कर उसकी चुत को सहलाना और रगड़ना शुरू कर दिया. धीरे धीरे नसरीन के मुँह से आहें और सिसकारियां निकलने लगीं. तभी नसरीन का हाथ अपने आप मेरे लंड पर आ गया. वो मेरे लंड को धीरे धीरे पकड़ कर सहलाने और मसलने लगी. मैं नसरीन की दोनों चुचियों के चूचुकों को बारी बारी से मुँह में लेकर बच्चे की तरह चूसने लगा. आख़िर में मैं नसरीन की चुत का रसपान करने लगा. उसकी चुत बेहद थिरक रही थी. चुत चूसे जाने के कारण उसकी गांड ऊपर को उठने लगी थी. उसकी शर्म ने उसका साथ छोड़ दिया था.
कुछ देर बाद मैंने नसरीन की दोनों टांगों को फैला दिया और मोर्चा संभाल कर पोजीशन में बैठ गया.
नसरीन की छोटी सी चुत की दरार गीली हो चुकी थी. मेरा 9 इंच का लंबा लंड तोप की नाल की तरह सीधा नसरीन की कुंवारी चुत की सील तोड़ने के लिए लपलप कर रहा था. मेरा लंड उसकी कुंवारी चुत के दरवाज़े को तोड़ कर अन्दर महल में घुसने के लिए तैयार था.
मैं यह जानता था कि किले का फाटक बहुत मज़बूत है, उससे ध्वस्त कर किले में प्रवेश करना आसान नहीं है. खून ख़राबा होना निश्चित था. नसरीन का यह फर्स्ट टाइम था, इसलिए वो बेचारी डर भी रही थी. नसरीन के चुत का दाना दरार से बाहर झाँक रहा था. नसरीन पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, उसकी सांसें तेज़ चल रही थीं … दोनों चुचे ऊपर नीचे हो रहे थे.
यह सब देख अब मेरा और देर रुकना ठीक नहीं था. मैंने नसरीन के दोनों पैरों को और फैलाया और लंड का सुपारा गीली हो चुकी दरार पर रख ऊपर नीचे रगड़ने लगा.
मेरे ऐसा करते ही वो बुरी तरह सीत्कारने व कसमसाने लगी. कुछ मिनट तक मैं नसरीन की चुत की दरार पर लंड घिसता रहा. इस दरम्यान नसरीन के जिस्म में कुछ झटके लगे और वो बिना चुदे ही झड़ गयी. झड़ते समय जो आनन्द की अनुभूति नसरीन को मिली, वो उसके चेहरे से साफ़ पता चल रहा था.
अब मेरी बारी थी. मैंने नसरीन की चुत पर अपने 9 इंच लंबे लंड को सैट करके हल्के से दबाया, तो वो दर्द के मारे कंप गई.
नसरीन मोटे लंड के अहसास से बोल पड़ी- बाप रे बाप … भाई … प्लीज़ मत घुसाओ … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मगर मैंने उसकी चूचियों को सहला कर उसके दर्द को भुलाने की कोशिश की. मैं अपनी बहन की चुत को पहली बार में ही भोसड़ा नहीं बनाना चाहता था, इसलिए मैं बड़े संयम से काम ले रहा था.
इस तरह मैंने 5-6 बार लंड को धीरे धीरे अन्दर घुसेड़ने का प्रयास किया. मगर हर बार वो दर्द से छहटपटाने लगती.
वो हाथ जोड़ कर विनती करने लगती. लेकिन इतना तो मुझे पता था कि नसरीन भी लंड से चुदने की इच्छुक थी.
फिर मैं बेड से उठा और ड्रेसिंग टेबल पर रखे नारियल तेल को अपने लंड पर लगाता हुआ वापस बेड पर आ गया और और नसरीन की चुत पर तेल लगा कर मैंने दोबारा मोर्चा संभाल लिया.
इस बार मैंने मन में निश्चय कर लिया था कि इस बार जैसे भी हो, किले (नसरीन की चुत) के दरवाज़े को तोड़ देना है. यही सोच कर मैंने नसरीन की दोनों टांगों को पकड़ कर उसके पेट से सटा दिया. ऐसा करते ही चुत की फांकें खुल गईं.
मैंने तेल लगे लंड को चुत की दरार पर सैट करके नसरीन की पतली कमर को दोनों तरफ से पकड़ लिया. फिर अपनी कमर को आगे की तरफ एक शक्तिशाली झटका दे दिया. इससे पहले कि नसरीन के मुँह से चीख निकलती. मैंने अपने होंठ नसरीन के मुँह पर रख दिए. उसकी चीख मुँह में ही घुट कर रह गयी और मेरे लंड का सुपारा घचाक की आवाज़ के साथ चुत की सील तोड़ कर लगभग 2 इंच अन्दर घुस गया.
हालांकि नसरीन दर्द से छटपटा रही थी और अपने आप को मुझसे छुड़वाने का प्रयास कर रही थी. लेकिन मैंने उसे मज़बूती से जकड़ रखा था. मैं धीरे धीरे लंड का दबाव बनाते हुए अन्दर पेलने में लगा हुआ था. मेरा चिकना लंड धीरे धीरे सरकता हुआ नसरीन की चुत में घुसता जा रहा था. पहले 4 इंच तक लंड घुसा. फिर 5″ … 6″ … 7″ … 8″ और आख़िर में नसरीन की दोनों चुचियों को पकड़ मैंने पूरा 9 इच लंड चुत में पेल दिया.
पूरा लंड चुत में पेलने के कुछ मिनट तक मैं नसरीन के ऊपर लेटा रहा. फिर मैंने अपनी कमर को ऊपर की तरफ किया, तो लंड 2 इंच बाहर निकल आया. मैंने देखा कि मेरा लंड नसरीन की चुत की सील टूटने की वजह से खून से सना हुआ था.
शुरू में मैंने चुदाई की रफ़्तार धीमी रखी, फिर जैसे जैसे आग बढ़ी, लंड ने रफ़्तार पकड़ ली. उधर अब नसरीन भी चुदाई में मेरा साथ देने लगी थी. मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, जब नसरीन ने अपनी बांहों से मेरी पीठ को जकड़ लिया. अब लंड चुत के जड़ तक घुसने लगा था. जब लंड अन्दर जाता, तो वो भी नीचे से हल्का धक्का लगा देती. जो इस बात का सबूत था कि वो भी चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी है.
अब चुदाई धकापेल होने लगी थी. मैंने उसकी एक चूची को मुँह में दबा कर ताबड़तोड़ धक्के देना शुरू कर दिए थे. नसरीन भी पूरी मस्त होकर लंड का मजा ले रही थी.
चुदाई अपनी आखरी स्टेज में आ चुकी थी. नसरीन मेरे सीने और कंधे पर कई जगह अपने दांतों से काट चुकी थी. मैंने भी उसकी चुचियों और निप्पलों को दांतों से काट लिया था.
तभी मेरे लंड ने उबकाई करना चालू कर दिया और नसरीन भी मुझसे चिपक कर मेरे वीर्य की बौछार से अपनी चुत को ठंडा करने लगी थी. उसकी चुत ने इस चुदाई में तीसरी बार अपना रज छोड़ा था.
चुदाई के बाद हम दोनों तेज तेज सांसें लेते हुए एक दूसरे से लिपटे पड़े थे. मेरी बहन अब मेरी बीवी बन चुकी थी.
ये मेरी बहन की चुत चुदाई की सच्ची कहानी है, जो मैंने आपके सामने बिना किसी लाग-लपेट के पेश की.