हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम सीतल पांडे है और मै उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की रहने वाली हूँ। मै आप सभी का नोंन वेज सेक्स स्टोरी डॉट में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ।
मेरी उम्र लगभग 27 साल है, और मेरे बारे में बात करे तो मेरा फिगर 34 – 28 – 37 था। और मै देखने में बहुत ही गोरी और मेरे चहरे की बनावट भी बहुत अच्छी है। और मेरी चूचियो की बात करे तो वो तो बहुत ही गजब की है। ऐसा लगता है कि कोई दो बड़े बड़े मुसमी है जो मेरे सिने पर लगी हुई है। मेरी चूची काफी मुलायम और सुडोल है।
जब मैंने अपनी चूची को पहली बार दबाया था तो मुझे बहुत मज़ा आया था। उसके बाद मैंने अपनी चूची को खूब मसलती थी जब मै जोश में होती थी। और साथ में अपनी चूत में उंगली भी करती थी। चूत से याद आया मै तो अपनी चूत के बारे में बना तो भूल ही गई। मेरी चूत बहुत ही कमसिन और रसीली है। मेरी चूत के दाने को देख कर ऐसा लगता है की जैसे कोई रसीली और काफी लाल वाली लीची है जो मेरी चूत के उपर लटक रही है।
दोस्तों, मेरी कुछ साल शादी हो चुकी है। और मेरे पति भी बहुत स्मार्ट और अभी बिलकुल जवान है। जब मेरी शादी हुई थी तो तो पहले तो मुझे अपने पति की कुछ हरकतों से गुस्सा लगती थी लेकिन कुछ दिन बाद वो भी मुझे अच्छी लगने लगी। आज मै आप को अपने जिन्दगी की उस चुदाई के बारे में बताने जा रही हूँ जिसको मैंने अपनी जिन्दगी में भी नही सोचा था।
मेरी शादी को चार साल हो गये थे लेकिन मुझे अभी तक बच्चे नही हो रहा था, मेरे पति मुझे शादी के बाद से रोज चोदते थे लेकिन पता नही क्यों मुझे बच्चे नही हो रहे थे। मैंने अपने पति से कहा – हमे बच्चे क्यों नही हो रहे है?? चार साल हो गए है मुझे एक बच्चा चाहिए। तो मेरे पति ने कहा – हो जायेगा इतनी भी क्या जल्दी है।
दोस्तों, मेरे ने मुझको इतना चोदा हो की मेरी चूत तो बिलकुल ढीली हो गई थी। जब से मेरी चूत ढीली हो गई थी, मुझे चुदवाने में भी ज्यादा मज़ा नही आता था। लेकिन मेरे पति मुझे जबरदस्ती ही चोदते थे और अपने लैंड के हवस को पूरा कर लेते थे।
मैंने जब अपनी जिन्दगी में पहली बार चुदवाया था अपने बॉयफ्रेंड से, तो मुझे बहुत दर्द हुआ था लेकिन मज़ा भी बहुत आया था। मेरी चुदाई तो उसने इतने मज़े लेकर की थी की क्या बताऊँ।
मुझे अभी भी याद है वो रत जब मेरे घर में कोई नही था और वो चुपके से पीछे से मेरे घर में आ गया था। उसने पूरी रात मुझे कई राउंड में चोदा था लेकिन मज़ा भी बहुत आया था। उस रात मेरी सील टूट गई थी और मेरी चूत से खून भी निकल था। लेकिन हम दोनों ने एक साथ में पूरी रात तक मज़े लेते हुए खूब चुदाई की।। मेरी सबसे मस्त चुदाई तो वही थी। मेरे पति भी बहुत मस्त चोदते है लेकिन वो केवल अपनी हवस मिटाने में लगे रहते है।
मेरे ससुराल वाले अन्ध विस्वास के चक्कर में ढोंगी बाबा के और उनके शिष्यों के पास बहुत जाती है। उन्होंने तो बहुत बार मेरे लिए कुछ प्रसाद भी लाई थी की इसको खा लो तो तुम्हे बच्चे होने लगेंगे। लेकिन मै उन पर विस्वास नही करती थी। एक दिन मेरी सास ने मुझसे कहा – “तुम मेरे साथ में चलो तुमको बाबा ने बुलाया है और कहा है कि उसको मेरे पास ले आओ उसके बच्चे जरुर होंगे”। मुझे तो कभी भी इन ढोंगी बाबाओ पर विस्वास नही था लेकिन ससुराल वालो के दबाव में मुझे उस ढोंगी बाबा के पास जाना ही पड़ा। मैंने भी सोचा देखूं तो कितनी शक्ति है इस बाबा में। अगले ही दिन मै उसके दरबार में पहुच गई। जब मै वहां पहुंची तो उनके कुछ शिष्यों ने मुझको और मेरी सास को अंदर ले गए। अंदर एक बाबा बैठे हुए थे।
मेरी सास ने उनको प्रणाम किया और मुझे भी करने को कहा। मेरा मन तो नही था लेकिन फिर भी करना ही पड़ा।
मेरी सास ने कहा –“ बाबा जी यही है मेरी बहू जिसको बच्चे नही हो रहे है”।
तो बाबा जी ने कहा – “अब चिंता मत करो ये मेरी शरण में आई है इसको बच्चे जरुरु हो जायेगे”।
कुछ देर बाद बाबा जी ने मुझे अपने पास बुलाया प्रसाद देने के लिए। मै उसके पास गई तो बाबा जी ने मुझे प्रसाद तो दिए लेकिन जब प्रसाद दे रहे थे तो वो मेरे हाथो को सहलाते हुए मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा – “तुम चिंता मत करो तुमको जल्दी ही बच्चे हो जायेगे”।
मुझे ऐसा लग रहा था कि बाबा जी मुझे दिलासी देने के चक्कर में मेरे हाथो और मेरे कंधो को छूने की कोसिस कर रहे थे। लेकिंन मै चुपचाप वह से चली आई। कुछ देर बाद बाबा जी ने मेरी सास को बुलाया और उनसे कहा – “तुम कल अपनी बहू को यहाँ ले आना और साथ में कुछ पैसे भी ले आना क्योकि कल मै इसके लिए यहाँ पर हवन करूँगा। अगर तुम चाहो तो मै तुम्हारे घर पर भी ये हवन करवा सकता हूँ”।
तो मेरी सास ने कहा – “ठीक बाबा जी आप घर पर ही चले आइये तो ज्यादा ठीक रहेगा। तो बाबा जी ने कहा ठीक है मै ही चला आऊंगा”। मेरी सास ने मुझे ये सब बातें घर आते समय बताया।
अगले दिन मेरी सास ने हवन की सारी तयारी कर ली, बहुत देर तक बाबा जी नही आये। लेकिन जब घर से मेरे पति और मेरे ससुर बाहर चले गए, तब कुछ देर बाद बाबा जी अपने दो चेलो के साथ में आये।
घर में केवल मै और मेरी सास ही बचे थे। जब बाबा जी आये तो उन्होंने कहा – “मेरे पास ज्यादा समय नही है जल्दी करो क्योकि इस हवन में ही बहुत देर लग जाएगी”। बाबा जी ने कहा -ये हवन अकेले कमरे में होगा। और केवल आप की बहू ही अंदर रहेगी और मेरे शिष्य और आप बाहर बैठ कर भगवान से से मनाना की ये हवन सफल हो जाये।
मेरी सास ने कहा ठीक है, लेकिन मुझे लग रहा था की कुछ तो गड़बड़ है। लेकिन मेरी सास को बाबा जी के ऊपर पूरा विश्वास था। बाबा जी मुझे एक कमरे में लगाये और उनके शिष्य हवन का सामान लेकर उसी कमरे में आये। दोनों शिष्यों ने हवन शुरु ही करने वाले थे की बाबा जी ने दरवाजा बंद कर दिया। और मुझसे कहा – “बेटी ये लो इस जड़ी बूटी को खा लो जिससे तुमको माँ बनने में मदत देगी”। मैंने पहले तो थोडा सा खाया लेकिन मुझे अच्छा नही लगा इसीलिए मैंने उनके सामने खाने का झूठा नाटक किया। दोनों शिष्यों ने हवन शुरु कर दिया और जोर जोर से मन्त्र पढने लगे।
कुछ देर बाद मुझे हल्का हल्का बेहोसी होने लगी, मै समझ गई की ये उसी जड़ी बूटी का कमाल है। बाबा जी ने मुझे पकड कर निचे फर्श पर बैठ दिया, कुछ देर में मै फर्श पर ही लेट गई लेकिन मुझे हल्का हल्का होश था। कुछ देर बाद बाबा जी ने मेरे कपड़ो को निकलने लगे, उन्होंने मेरे ब्लाउस को निलकल दिया और मेरे मम्मो को दबाते हुए मेरे चूचियो को पीने लगे। मै हलके होश में थी मै ये सब अपने आँखों से देख रही थी। जब बाब जी मेरी चूचियो को पी रहे थे तो मेरे अंदर भी मेरी जिस्म की ज्वाला भड़कने लगी। और कुछ ही देर में मै अपने पूरे होश में आ गई। बाबा जी मुझे होश में देख केर डर गये लेकिन मै इतने जोश में आ गई थी की मैंने बाबा जी को कस कर पकड लिया और उनके मूछों के बीच में उनको होठो को पीने लगी। बाब जी ने भी जब देखा की मैंने उनके होठो को पीने लगी हूँ तो उन्होंने भी मुझे और भी जबरदस्त तरीके से पकड लिया और मेरे होठो को पीने लगे। वो मेरे होठो को अपने दांतों से नोचने लगे थे और साथ में मेरे मम्मो को भी दबा दबा कर मेरे होठो को पी रहे थे। मै भी बाबा जी के होठो को काटने लगी और उनके पूरे बदन को अपने पति की तरह सहलाते हुए उनको अपने बाँहों में कस कर जकड़ लिया। और उनके होठो को लगातार चूस रही थी। कुछ देर में बाबा जी का मूड और भी बनने लगा।
उन्होंने मेरे होठो को पीते हुए धीरे धीरे मेरी चूची की तरफ बढ़ने लगे और मेरी चूची को अपने दोनों हाथो से मसलने लगे। मै धीरे धीरे सिसकने लगी थी। बाबा मेरी चूदाई के तैयारी में थे और उनके दोनों शिष्य मन्त्र पढ़ रहे थे की मेरी सास को लगे की सच में पूजा चल रहा है। बाबा जी मेरे चूचियो को बहुत तेज तेज से दबाने लगे और कुछ ही देर में उन्होंने मेरी चूचियो को पीना भी शुरु कर दिया। बाबा जी ने मेरी चूचियो को अपने जीभ से चाटते हुए मेरी निप्पल को अपने दांतों से काटते जिससे मै मचल कर बाबा जी से चिपक जाती और बाबा जी मेरे चूचियो को मसल मसल कर पीने में लगे हुए थे।
कभी कभी वो अपने मुह को मेरे दोनो मम्मो के बीच में रख कर मेरे मम्मो को पीते। मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था और बाबा जी को भी। उनका लंड बिल्कुल खड़ा और टाइट हो गया था जो की उनके धोती में दिख रही थी।
बहुत देर तक मेरी चूचियो को पीने के बाद बाबा जी का जोश और भी बढ़ गया और वो मुझे चोदने के लिए मेरी साडी को उठा दिया और साथ में मेरी पेटीकोट को भी। बाबा जी ने मेरी नीले रंग के पैंटी को अपने हाथो से खीच कर निकल दिया और मेरी चूत को पहले सहलाते हुए अपनी उंगलियो को मेरी चूत के दाने में मरने लगे जिससे मै तो पागल हुई जा रही थी। कुछ देर बाद बाबा जी ने अपनी धोती से मैंने 9 इंच के लम्बे और काफी मोटे से लंड को निकला। बाबा जी लंड तो काफी बड़ा था।
मेरे पति से भी बड़ा लंड था बाबा जी का। उन्होंने मेरी चूत के बीच में अपने लंड को रख कर धीरे धीरे से अपने लंड को मेरी में रगड़ने लगे। जिससे उनका लंड मेरी चूत के दाने में लग रही थी। कुछ देर बाद बाबा जी ने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया। जब पहली बार बाबा जी का लंड मेरी चूत में गया ऐसा लगा की मेरी पहली बार चुदाई होने जा रही है। बाबा जी का मोटा लंड मेरी चूत को बहुत दर्द दे रहा था। जब बाबा जी ने मुझे चोदना शुरु किया तो उनके शिष्यों ने और भी तेज तेज से मन्त्र पढना शुरु कर दिया। उन लोगों ने भी अपना हवन खत्म कर लिया और मेरे पास में आकर मन्त्र पढने लगे और साथ में वो दोनों मेरी चूचियो को दबाने लगे। और बाबा जी ने लगातार मेरी चूत को चोदना शुरु कर दिया। ।
वो मेरे बुर में अपने मोटे लौड़े को जब डालते तो ऐसा लगता की जैसे कोई मेरी चूत में बहुत मोटी चीज घुस गई हो। मेरी चूत की दीवर फट रही थी और बाबा जी मेरी चूत को अपनी पूरी ताकत लगा कर छोड़ रहे थे और मै जोर जोर से .. “….हाईईईईई, उउउहह, आआअहह….आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी………मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ……ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ….प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ… माँ माँ….ओह…” करके मै चीख रही थी।
मेरी चूत दर्द से फटी जा रही थी, लेकिन कुछ देर बाद मेरी चूत गीली हो गई मेरी चूत का चिपचिपा पदार्थ बाबा जी के लौड़े में लग गया और उनका लंड अब मेरी चूत को पलते हुए अंदर तक जा रहा था, और मुझे भी मज़ा आ रहा था। कुछ देर के बाद बाबा जी झड़ने वाले थे। इसलिए वो मुझे और भी तेज तेज से चोदने लगे थे। कुछ ही देर बाद उनके लंड से उनका माल निकलने और मेरी चूत के अंदर ही रह गया।
उनके चोदने के बाद उनके दोनों शिष्यों ने भी बारी बारी मेरी खूब चुदाई की। लेकिन जितना मज़ा बाबा जी के चोदने से आया उतना मज़ा उनके शिष्यों से नही आया। मेरी चुदाई करने के बाद बाबा जी ने मुझे टीका लगाया और मुझे कुछ फुल भी दे दिए।
और फिर दरवाजा खोला। जब दरवाजा खुला तो मेरी सास बाहर ही बैठी थी।
बाबा जी ने मेरी सास के कहा – “मैंने सब इस बच्ची को बता दिया है क्या करना है आज रात को अपने पति के साथ में”। इस बात पर मेरी सास ने कहा – “मेरी बहू को बच्चा तो हो जायेगा”।
तो बाबा जी ने कहा – “बस आज से लगभग 9 महीने बाद आप के आप के हाथ में एक बच्चा होगा ये मेरा आशीर्वाद है”। मेरी सास ने बाबा जी को कुछ पैसे दिए हवन करने के लिए। उनको क्या पता था कि वहां हवन के साथ में चुदाई भी चल रही थी।
उसके 9 महीने बाद मै एक बच्चे की माँ बन गई। कुछ दिन बाद मुझे एक बच्चा और भी चाहिए था तो मैंने फिर से बाबा जी और उके शिष्यों से चुदवाया। इस तरह से ढोंगी बाबा ने मुझे छोड़ कर मुझे गर्भवती किया।