Pati ka dost
हेलो मेरा नाम सुमन है, मेरी शादी के हुए अभी ११ महीने ही हुए है, मैं शादी के बाद ही दिल्ली आ गई थी ऐसे मैं पुणे की रहने वाली हु, पति एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है, मैं २२ साल की हु, बहुत ही खूबसूरत हु, मेरा बदन काफी गदराया हुआ, आप को अगर मैं सिर्फ एक लाइन में बताऊँ तो ये है की अगर आप मुझे ऊपर से निचे तक देख लेंगे तो आपका लैंड जरूर खड़ा हो जायेगा, तो आज मेरा मूड कर गया की सेक्सी हिन्दी स्टोरी के दोस्तों को मैं अपनी कहानी बताऊँ.
मैं दिल्ली के अशोक विहार में रहती हु, पति गुडगाँव में जॉब करता है, मैं पति पत्नी ही यहाँ है, मेरे सास ससुर और मायका सब महाराष्ट्र में है, दिल्ली में अगर किसी से ज्यादा मित्रता है वो वो है सौरव, सौरव का अपना काम है, मेरे पति और सौरव दोनों पास गाँव के ही है, दोनों ने पढाई साथ साथ की है, सौरव लम्बा चौड़ा बॉडी बिल्डर टाइप का लड़का है, उसकी शादी अभी नहीं हुई है,
बात आज से तीन दिन पहले की है, मेरे पति को अचानक अमेरिका जाना पड़ा कंपनी के काम से, सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हुआ की टाइम ही नहीं बचा, वो सिर्फ एक महीने के लिए ही जाने वाले है उनकी फ्लाइट २० तारीख को है. मैं अकेले ही एक महीने रहने बाली थी, पर पता चला था की सौरव घर जा रहा है पुणे, क्यों की उसको लड़की बाले देखने आने बाले है, तो मेरे पति बोले की सौरव तुम तो जा ही रहे है एक काम करो, सुमन को भी ले जाओ, दिल्ली में एक महीने तक क्या करेगी, घूम आएगी एक महीने में, ये आईडिया मुझे मेरे घरवाले को ससुराल बाले को बहुत अच्छा लगा, पर एक दिक्कत थी, टिकट एक ही कन्फर्म था, सेकंड क्लास ऐसी का, मेरे लिए टिकट अवेलेबल नहीं था, अब एक समस्या थी, की जायेंगे कैसे,
मेरे पति देव और सौरव में बात हुई की ट्रैन पे ही कोई बर्थ टिटी से बोल के दिलवा देना, मैंने एक वेटिंग टिकट ले ली, और ट्रैन पे चढ़ गई, साइड का सीट था, हम दोनों बैठ गए, सौरव मेरी बहुत ही ज्यादा खातिरदारी कर रहा था करे भी क्यों ना क्यों की एक हॉट हसीना अगर सफर में मिले जाये तो इससे बढ़िया और क्या हो सकता है. हमलोग बैठ कर बात चित करने लगे, टिटी आया पर ले दे के बात बन गई, पर कोई अलग सीट देने से मना कर दिया, हमें भी लगा चलो, बैठ के ही चले जायेगे, पर्दा लगा के हम दोनों बाथ गए, पर कौन कितना देर तक पैर को मोड़ कर बैठ सकता है, सीधा करना पड़ा, वही से कहानी सुरु हुई,