हाय फ्रेंड्स, आप लोगो का सेक्सी हिन्दी स्टोरी में स्वागत है। मैं रोज ही इसकी सेक्सी स्टोरीज पढ़ता हूँ और आनन्द लेता हूँ। आप लोगो को भी यहाँ की सेक्सी और रसीली स्टोरीज पढने को बोलूंगा। आज फर्स्ट टाइम आप लोगो को अपनी कामुक स्टोरी सुना रहा हूँ। कई दिन से मैं लिखने की सोच रहा था।अगर मेरे से कोई गलती हो तो माफ़ कर देना।
मेरा नाम राहुल मलिक है और मैं हरियाने से हूँ। मैं एक किसान हूँ और अपनी फैमिली के साथ किसानी का काम करता हूँ। फ्रेंड्स मैं बहोत जवान और सेक्सी मर्द हूँ। लंड तो हमेशा ही खड़ा रहता है। मेरे को नई नई कमसिन कमसिन फूल जैसी जवान लौंडिया चोदना बहोत पसंद है। मेरी 4 गर्लफ्रेंड है और इसके अलावा रंडियों को पैसे देकर भी चोद लेता हूँ। मेरी बुआ की लड़की रूपारानी बहुत सेक्सी और जवान लड़की है। अभी 18 साल की कच्छी कली है। उसे मैं चोद चूका हूँ। अब तो अक्सर चुदाई का मजा मिल जाता है। मुझे तो अब सब जगह रुपारानी ही नजर आती है।
1 साल पहले की घटना आपको बता रहा हूँ। मेरी बुआ अपनी लड़की रूपारानी के साथ मेरे घर आई हूँ थी। मेरा घर नया नया बना हुआ था और उसी का गृह प्रवेश का कार्यक्रम था। रूपा पीले सलवार कमीज में सरसों के फूल जैसी सुंदर दिख रही थी। उसे देखने ही मेरा लौड़ा दुहाई देने लगा और दिल हजारो सपने देखने लगा। जब मैंने बार मैंने रुपारानी को चोदा था को कितना खून बहा था उसकी छोटी सी चुद्दी थी। सी सी सी पूरा वक्त कर रही थी और चुदवा रही थी। वो सब यादे आज फिर से रंगीन और ताज़ी हो गयी जब बुआ के साथ रुपारानी को देखा। क्या मस्त दिख रही थी वो। मेरी नजर उसके दूध पर गयी। 32 इंच के छोटे छोटे दूध थे। जादा बड़े नही थे पर रुपारानी की फेस कटिंग बहुत सेक्सी थी। उसकी आँखे बड़ी चमकदार थी और मुझे तो उसकी आँखों में डूबना बहुत भाता था।
“बुआ जी चरण स्पर्श!!” मैंने कहा और सामने खड़ी बुआ के चरण छुए
“कैसा है राहुल बेटे!!” वो बोली
कुछ देर बुआ से हाल चाल हुआ। मैंने रुपारानीको उपर चलने को कहा। वो चली गयी। मैं भी उसके पीछे पीछे छत पर चला गया और उसे एक कोने में पकड़ लिया और हाथ मरोड़ पर ओंठो पर ओंठ लगा दिया और किस पर किस करने लगा। कुछ देर मिलन हुआ तो लंड खड़ा हो गया।
“क्या भाई !! कही भी शुरू हो जाते है। मैं तुम्हारी फुफेरी बहन हूँ” रुपारानी बोली
“मैं बहुत बड़ा बहनचोद हूँ” मैंने कहा और उसे दीवाल से चिपका दिया और 2 मिनट उसके होंठो को पीया और चुम्बन ले लिया। लंड फिर से खड़ा, अब मैं क्या करूं।
“कैसी है तू रूपा???” मैंने पूछा
“अच्छी हूँ। कुछ लड़के मुझसे दोस्तों करना चाहते है। मुझे गर्लफ्रेंड बनाना चाहते है कॉलेज में” रुपारानी बोली
सुनते ही मेरा पारा चढ़ गया। “माँ कसम!! पेट फाड़ दूंगा उसका जो तुझे अपनी माल बनाएगा। रूपा!! तू सिर्फ मेरी है। हम दोनों के बीच में कोई आया तो समझो वो मर गया!!” मैं गुस्साकर बोला।
ये बात सुनकर रूपा डर गयी और चुप हो गयी।
“जान!! तेरी चूत की बड़ी याद सता रही है। बता कब देगी!!” मैंने रूपा के 32” के दूध को कमीज पर से दबाते हुए पूछा। वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी। फ्रेंड्स रूपा के दूध के निपल उभरे हुए उसकी पीली रंग की कमीज से दिख रहे थे। मैंने उपर से उसका निपल पकड़ लिया और दबाने लगा। वो “भाई अई अईई…ओह्ह्ह आह्ह्ह” करने लगी। मैं कुछ देर उसकी निपल्स को ऊँगली से उपर से पकड़कर मसलता रहा। वो बोल भी न सकी।
“बता रूपा कब देगी चूत मेरा लंड बेक़रार है!!” मैंने कहा और अपनी जींस को खोल दिया। लंड को निकर से बाहर किया और रुपारानी की कमीज उठा दी और चूत में सलवार के उपर से लंड से रगड़ने लगा। रूपा कुछ बोल न सकी और सु सु करने लगी।कुछ देर तक उसकी चूत में उपर से ही लंड को रगड़ रगड़ कर उसे गर्म करता रहा। कुछ देर बाद वो चुदने को तैयार हो गयी।
“बता देगी चूत???” मैंने फिर पूछा
“पर कहाँ पर???” वो बोली
“चल सरसों के खेत में चलते है” मैंने कहा
घर में अपनी माँ से मैंने बोल दिया की रूपा को सरसों के खेत दिखा दूँ और मेड मेड चलकर उसे अपने बड़े से खेत में ले लगा। धुप निकली हुई और और दोस्तों आप सभी जानते है की सर्दी के मौसम के धुप कितनी अच्छी लगती है। चारो तरह सरसों के पीले पीले फूल खिले थे जिससे जब कुछ दिलकश पेंटिंग की तरह दिख रहा था। बड़ा सुंदर नाजारा था। आगे कुछ जमीन खाली थी उसी में मैंने घास पर रूपारानी को लेकर बैठ गया और फिर से उसे बाहों में पकड़ लिया और दोनों लव करने लगे।
“राहुल मेरी याद आई की नही। कैसी और लड़की को तो नही पटाये हो??” रूपा बोली
“तेरी याद मुझे जरा भी नही आई पर तेरी चुद्दी की याद बहुत मुझे सताई” मैंने कहा और अपनी बुआ की लड़की को अपनी गोद में लिटा लिया और सलवार के उपर से उसकी चूत में ऊँगली करने लगा। रगड़ने लगा तो रूपा “…...अई…अई….अई……अई..
“I love you rahul!!” रुपारानी कहने लगी तो मैंने भी उसे आई लव यू कहा। उसके बाद जल्दी जल्दी सलवार के उपर से उसकी चूत को घिस डाला। वो गर्म होने लगी। मैं उसका नारा खोजने लगा और फिर नारा खींच दिया। सलवार पेंटी के साथ उतार कर उसे उसकी चुनरी पर लिटा दिया। “राहुल!! मेरी मुनिया रानी का ख्याल रखना। आराम से चोदना!” रूपारानी बोली। उसने अपने पैर खोले तो सामने उसकी चुद्दी का दीदार हो गया। साफ सुथरी बिना बाल के चिकनी चूत का दीदार हो गया। बिलकुल लाल लाल। मैं झुक गया और जीभ लगाकर उसकी चुद्दी का रस लेने लगा। मित्रो!! सरसों के खेत में ये सब करने का अलग आनन्द आ रहा था। सुखद गुनगुनी धूप में अपनी बुआ की लड़की के सेक्सी जिस्म के खेल रहा था।
मेरा तो मन ही नही भर रहा था। पूरी चूत पर अपनी जीभ को उसी तरह से फेर रहा था जैसे कोई पेंटर अपने ब्रश को फेरता है। रुपारानी की चूत की कली कली को बड़ी शिद्दत से पी रहा था, चाट रहा था। वो “…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…”किये जा रही थी। मैं 15 मिनट तक उसकी बुर पीता और चाटता रहा। मेरे को बहुत मजा आया। रुपारानीसिसकियाँ भरने लगी और उसकी आहे भी तेज हो गयी। उसके चूत के दाने को चाटने के लिए मैं फिर से नीचे झुका और इस बार उसके चूत के दाने को जीभ की नोक से छेड़ रहा था। रुपारानी“अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करती रही।
अब जाकर मेरा मन भरा। उसके पैर और जांघे काफी सेक्सी और गोरी रंग की थी। काफी सेक्सी सजीली दिख रही थी। मैं हाथ से बार बार रुपारानी की जांघ को सहलाने लगा और ओंठो से चुम्मी लेने लगा। उसके जिस्म का हर अंग मुझे कामुक और सेक्सी दिख रहा था। शायद प्यार में ऐसा ही होता है। उसके घुटने भी बड़े क्यूट दिख रहे थे। मैंने कई बार रुपारानी की भरी भरी जांघो को दांत से काट लिया। अपनी नीली जींस मैंने खेत में उतारकर सरसों के पेड़ों पर रख दी जिससे वो गंदी न हो जाए। अपना जोकि का अंडरवियर मैंने उतार दिया और उसे भी साइड रख दिया। अपने लंड के टोपे को रुपारानी की चूत पर रखा और अंदर घुसाने लगा।
वो आऊ…..आऊ….हमममम करने लगी। लंड उसकी चूत में चला गया चूत की गुफा को फाड़ते हुए। उसकी चूत बंद थी और आपस में चिपक में गयी थी। किसी तरह मैंने अपना 7 इंच लौड़ा रूपारानी की चुद्दी में घुसा दिया। उसके काम मित्रो काम लगाना शुरू कर दिया। अपनी बुआ की लड़की को चोदने लगा। आह कितना सुकून मिला उसकी योनी के छेद में उतर कर। बड़ी राहत रही। मैं धक्के देने लगा। देता ही चला गया। कमर उठा उठा कर रूपारानी को ठोंक रहा था। वो गर्म गर्म सिसकारी ले रही थी। मैं लेटकर उसे fuck करने लगा और उसके ओंठो को फिर से किस करने लगा।आज सरसों के खेत में अपनी बुआ की लड़की को प्यार कर रहा था। उसकी भंजाई कर रहा था। कुछ देर तक उसे चोदा और अचानक से कुछ जादा ही गर्म हो गया। उत्तेजित होकर मैं जल्दी ही उसकी चूत में झड़ गया।
“अरे यार!!” मेरे मुंह से निकल गया
“क्या हुआ राहुल??” रूपारानी पूछने लगी
“तुझे ठीक से चोद न सका और झड़ गया” मैं बोला मुंह फुलाकर
“कोई बात नही। अभी कुछ देर में खड़ा हो जाएगा। आओ मुझसे प्यार करो!” रूपारानी बोली
उसके बाद वो बैठ गयी और अपनी अपनी कमीज उतार दी। ब्रा खोलकर रूपारानी फिर से लेट गयी।
“आओ राहुल मेरे दूध चूसो आकर” वो बोली
मैं भी शर्ट उतारकर नंगा हो गया और उसके उपर लेट गया। अब उसके दूध से खेलने लगा। मित्रो मेरी बुआ की लड़की के दूध इकदम सफ़ेद और बड़े बड़े है। आप लोग देख लोगे तो पीने की जिद करने लग जाओगे। मैं हाथ से रुपारानी के आम सहलाने लगा और हल्का हल्का दबाने लगा। वो“आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी। उसके बाद मैं लेफ्ट चूची को पकड़ लिया और मुंह में लेकर चूसने लगा। रुपारानी मेरे सिर को अपने सिने में दबाने लगी। वो कसमसा रही थी और आहे भर रही थी। मैं तो उसके मस्त मस्त आम चूसने में लगा था। अपना मुंह चला चलाकर उसके रसीले आम पी रहा था। अत्यधिक आनन्द में डूब गया था। फिर दूसरी चूची को हाथ से पकड़कर दबाने लगा। रुपारानी सी सी करने लगी।
“बहन!! तेरे तो काफी बडे बड़े हो गये है। किसी से दबवाई तो नही!!” मैं बोला मजाक में
“राहुल!! मेरे संतरे को आज तक सिर्फ तूने ही छुआ है। और किसी ने नही” रुपारानी बोली
उसके बाद मैंने फिर से चूसने लगा। काफी देर तक उसकी boobs sucking करता रहा। अब अपना लंड चूसाने का अरमान था।
“रूपरानी!! मेरा लौड़ा चूस जरा!!” मैंने कहा
रूपा का भी मन था। बैठ गयी और मेरे लौड़े को हाथ में लेकर फेटने लगी। मेरा 7 इंची का लौड़ा खड़ा होने लगा। रूपा हाथ को चलाने लगी। और कुछ देर बाद फिर से मेरी मीनार खड़ी हो गयी। रुपारानी झुक गयी और मेरे लंड के मोटे टोपे में मुंह में लेने लगी। फिर अंदर लेकर चूसने लगी। तो मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगा। अब बुआ की लड़की को भी इंटरेस्ट आने लगा। हाथ से मुठ भी देती थी और चूस भी रही थी। डबल मजा मैं उठा रहा था। रूपारानी काफी देर तक मेरे लौड़े को कुल्फी की तरह चूसती रही। मैं उसके सिर को पकड़कर लंड की तरह दबा दिया और उसके गले तक लौड़ा पंहुचा दिया। फिर उसके मुंह को पकड़कर चोदने लगा। इसमें तो मुझे बड़ा मजा मिला और लगा की आज स्वर्ग दिख गया।
“आओ रूपा मेरे लौड़े की सवारी करो!!” मैंने बोला
रूपारानी मेरे उपर आकर बैठ गयी। उसने ही अपनी चूत में मेरे लंड का सुपारा पर लगा दिया और लंड को घुसाते हुए बैठ गयी। मेरे लंड से किसी कुल्हाड़ी की तरह उसकी भोसड़ी को चीरता हुआ अंदर घुस गया। उसे हल्का दर्द हुआ। उसके बाद रुपारानी आगे को झुक गयी। अब सेक्स होने लगा। बुआ की लड़की झटके देने लगी। उसके आमो को मैं दबाने लगा। कितने सुंदर मुलायम दूध थे दोस्तों। अब रूपारानी ही झटके देती जा रही थी। मैं तो मजे से लेटा हुआ था। मेरे लंड पर उसकी चूत रगड़ खाने लगी तो मजा आने लगा। बड़ा अजीब अहसास था। मित्रो लौंडिया को लिटाकर चोदो तो अलग मजा मिलता है। और लंड पर बिठाकर चोदो तो अलग अहसास होता है।
मुझे अच्छी कसावट मिल रही थी। रुपारानी “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” करने लगी। वो किसी ऊँटनी की तरह मटक मटक कर चुदाने लगी। मैं तो उसके तने दूध को बार बार हाथ लगाकर छेड़ रहा था। मैंने उसकी पतली कमर पर हाथ रख दिया और उसे उपर को उचकाने लगा। उसके बाद तो रुपारानी ने जो ठुमके लगा लगाकर चुदवाया की उसकी चूत से पताके फूटने लगे। चट चट पट पट की आवाज आने लगी। दोस्तों एक बार तो मैं झड ही गया था। इसलिए अब जादा और अच्छी बैटिंग कर रहा था। अब मेरी गोलियों में काम बहुत कम था इसलिए खूब मस्ती भी हो रही थी और झड़ भी नही रहा था।
रूपा उचक उचक कर मेरे लौड़े पर कूद रही थी और सेक्स कर रही थी। वो “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह… करने लगी और जल्दी जल्दी मेरे लौड़े पर कूदने लगी। इस तरह से अच्छा मजा हम दोनों को मिल गया। फिर बुआ की लड़की कुछ देर बाद थक गयी और मेरे सीने पर लेट गयी। मैं फिर से उसके लबो को चूसने लगा। उसकी साँसे काफी तेज थी। मेरा लौड़ा उसकी भोसड़ी में घुसकर गर्म गर्म अहसास पा रहा था। मैंने रूपारानी को अपने सीने पर लिटाये रखा और कुछ देर का रेस्ट किया।
“ रूपा डारलिंग!!” अब तुम सीधी बैठो। मैं धक्के देता हूँ” मैं बोला
मेरी बुआ की सेक्सी कामातुर और चुदासी लड़की फिर से मेरे लंड पर बैठ गयी। मैं ऊँगली से जरा सा थूक उसकी भोसड़ी में लगा दिया और चूत के दाने को हिलाने और छेड़ने लगा। रुपारानी अई…अई…अई… करने लगी। मैंने उसकी कमर पकड़ी और अब मैं उपर को धक्के देने लगा। उसके दोनों मस्त मस्त कबूतर हिलने और उचकने लगा पर मैं उसके कबूतर को पकड़ न सका। क्यूंकि उसकी कमर को दोनों तरह से पकड़े था। इस तरह मैंने ठुकाई शुरू कर दी और मेहनत से उसे पेलने लगा। काफी देर तक मैंने इस वाले राउंड में बैटिंग की। फिर जाकर उसकी भोसड़ी में ही झड़ गया।
दोस्तों मेरी बुआ जी और रुपारानी10 दिन मेरे घर में रुके। इस बीच अनेक बार रुपारानीको चोदने का अवसर प्राप्त हुआ। उसकी गांड भी तेल लगाकर मैंने चोद ली।