मेरी सच्ची चुदाई की कहानी है. दोस्तों पहले तो धन्यवाद सेक्सी हिन्दी स्टोरी का जिसने मेरे रेगिस्तान जैसी जिस्म को हरा भरा करने के लिए, मैं थैंक्स कहना चाहती हु, दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही. हु, आपको पता होगा जब कोई औरत जवानी में विधवा हो जाये तो उसकी ज़िन्दगी कैसी हो जाती है. अपना मन कर पूरी ज़िन्दगी यु ही काटनी पड़ती है. मेरा घर ऐसा भी नहीं था की मेरी दूसरी शादी करवा देते, अब तो जो हो गया सो हो गया.
दोस्तों मैं 38 साल की हु, मेरी शादी कम उम्र में ही हो गई थी. और जाहिर है बच्चा भी पहले हो गया था. आज मेरा लड़का २१ साल का है. पर मैं अभी जवान दिखती हु, मेरे जिस्म की बनावट ही ऐसी है की मैं अपने उम्र से आधी दिखती हु, मेरे यहाँ मैं मेरा बेटा और सास ससुर है, मेरे पति का देहांत आज से १० साल पहले ही हो चूका है. घर में अपार दौलत है.
मैं अपने बेटे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मैंने अपने बेटे को उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली भेज दी. मेरे सास ससुर बोले की बहु तुम थोड़े दिन तक दिल्ली में ही जाकर रहो ताकि उसको कभी पढाई में कोई दिक्कत ना आये. मैंने भी ३१ दिसंबर की रात को दिल्ली पहुच गई. वो मुझे स्टेशन पर लेने आया और दोनों माँ बेटे उसके फ्लैट पर पहुच गए।
तुरंत ही वाशरूम जाकर तैयार हो गए, मैं पिंक कलर की नाईटी पहनी अंदर मैं ब्रा नहीं पहनी था, मेरी बड़ी बड़ी सुडौल चूचियां हिलोरे मार रही थी. राहुल की नजर मेरे चूचियों पर और मेरे मटकती चूतड़ पर थी. मैं समझ रही थी की उसकी भी जवानी के लंड उसके बस में नहीं था।
मैंने उसको पहले ही कसम दे राखी थी की तुम किसी लड़की के चक्कर में अभी नहीं फसना क्यों की मैं चाहती थी की पढ़ लिख कर कुछ अच्छा कर ले उसके बाद तो पूरी ज़िन्दगी यही काम में रहता है इंसान. मुझे लग रहा था की मैं तो इसको कसम दे दी की कभी लड़की से बात नहीं करना नहीं तो फसना पर मैं भूल गई थी की आखिर वो एक इंन्सान है सेक्स की जरूरत तो सबको है. जैसे मैं रात रात अपने चुचिओं को खुद ही दबाते रहती हु, और चूत में ऊँगली करती हु, क्यों की मैं इसके बिना रह भी नहीं सकती.
मुझे लगा की राहुल को पि लेने दे मेरे जिस्म को मैंने और भी ऊपर के दो बटन खोल दिए, ताकि वो जी भर के मेरे चूचियों को निहार ले. रात को सोने का समय हुआ, ठण्ड का महीना था, बहूत जोरो की ठण्ड पद रही थी. उसके पास ओढ़ने को अलग से रजाई नहीं थी बस एक ही रजाई थी।
तो राहुल बोला मम्मी आप कहती हो तो मैं अभी बाजार से एक कम्बल ले आऊं तो मैंने कहा नहीं नहीं अब दुकाने बंद हो रही होगी, कल देखेंगे. आज दोनों माँ बेटा एक ही रजाई में सो जाते है. सो तो गए दोस्तों पर एक जवान जिस्म में सटते ही मेरे तन बदन में आग लगने लगी. मेरी चूत गीली होने लगी. पर मैं ऐसा कुछ करना नहीं चाहती थी की मेरे बेटे को लगे की मैं कितनी रंडी हु,
किसी तरह से अपने मन को मार कर सो गई, रात को नींद तब खुली जब मेरे चूचियों पर मेरे बेटे का हाथ था. वो मेरे चूचियों को धीरे धीरे सहला रहा था. मैंने अपना हाथ इधर उधर मार के देखि तो उसका लंड काफी टाइट मिला और मोटा हो रहा था. मैं चुपचाप ऐसे नाटक कर रही थी मानो मैं गहरी नींद में हु।
मैंने करवट ली और नाईटी को ऊपर कर दी और अपना गांड उसके लंड में सटा दी. अब उसका लंड हथौड़े के तरह हो गया था, मेरे गांड के बीचो बिच था. मैं जब अपनी चूत पे हाथ रखी तो मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी. मेरी साँसे तेज होने लगी. दोस्तों राहुल भी हौले हौले से धक्के देने लगा, अपर मेरी चुचिओं को दबाने लगा. मुझसे रहा नहीं गया. और मैं उसके तरफ घूम गई और उसका लंड पकड़ ली. और अपनी नाईटी खोल दी. मैं पूरी नंगी थी.
उसने भी तुरंत ही अपना निक्कड़ और बनियान उतार दिया हम दोनों एक ही रजाई में नंन्गे थे, और मैंने उसको अपनी बाहों में भर ली और अपना होठ उसके होठ पर रख दी. और उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दी वो मेरे चुचिओं को सहलाने लगा.आ और मैं किश करने लगी. मेरी साँसे तेज हो रही थी जिस्म में अंगड़ाई हो रही थी।
मैंने राहुल के ऊपर चढ़ गई. और अपना पैर दोनों तरफ कर के अपने चूत को उसके लंड पर रगड़ने लगी. और और उसके होठ को चूसने लगी. मैं हिरनी की तरह राइड कर रही थी उसके जिस्म पर, मेरे होठ और उसके होठ आपस में लॉक थे. मैंने कहा आई लव यू राहुल. उसने बोला आई लव यू संध्या, मैंने समझ गई की मम्मी से संध्या आज एक नया रिश्ता जूड गया था माँ बेटे की बिच में.
मैंने उसका लंड पकड़ी और अपने चूत में ले ली. चूत में लंड जाने में देर भी नहीं लगा क्यों की मेरी चूत काफी गीली थी. अब मैं और भी घोड़ी के तरह दौड़ लगाने लगी उसके ऊपर, वो भी अंदर से धक्के दे रहा था. ज़िन्दगी का मजा मुझे १० साल बाद मिला. मेरे पति भी ऐसे ही चोदते थे, अब मेरे मुह से आह आह की आवाजे निकलने लगी।
वो भी आह आह आह कर रहा था. पुरे कमरे में चप चप की आवाज आ रही थी. वो आवाज मेरे चूत और उसके लंड की मिलन का था. राहुल पुरे जोश में था. अब वो मुझे निचे कर दिया और रजाई को फेंक दिया. वो मेरी पैरो को अलग अलग कर के अपना लंड को चूत पे सेट किया. और जोर से पेल दिया.
दोस्तों राहुल का लंड करीब ८ इंच का था वो मेरे चूत को चीरते हुए अंदर तक जा रह था. मुझे गजब का एहसास हो रहा था. ऐसा लग रहा था की रेगिस्तान में जोर से वर्षा होने लगी हो. वो मेरी जिस्म को तार तार कर रहा था. मुझे बाहों में भर कर जोर जोर से चोद रहा था. मैं इस बिच तीन बार झाड़ चुकी थी. पर वो हॉर्स की तरह मुझे चोद रहा था. दोस्तों रात भर हम दोनों सोये नहीं, करीब ६ बार राहुल से चुदवाई, वो मेरी पहली चुदाई थी, दोस्तों उसके बाद तो हम दोनों के बिच कोई दुरी नहीं रही और रोज रोज चुदाई का आनंद लेने लगे