सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। सेक्सी हिन्दी स्टोरी के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।
मेरा नाम चेतन आनन्द है। मैं मिर्जापुर का रहने वाला हूँ। हम लोग भोटिया जनजाति से है। बहुत कम लोगो को ये बात मालूम है की हमारे घरो में जब कोई नई बहू आती है तो घर के सभी मर्द उनकी चूत मारते है। ठीक ऐसा ही हुआ था। मेरे बड़े शिव भैया की शादी हुई थी। उनकी बीबी या बोलू की मेरी होने वाली भाभी कडक माल थी। शादी हो गयी और विदाई भी हो गयी थी। मेरी नई भाभी घर में आ गयी थी। घर की सब लेडीस बहुत खुश थी। फिर रात होने लगी थी। मेरे पापा भी नई वाली भाभी को चोदने का वेट कर रहे थे। हमारी भोटिया जनजाति में ये प्रथा बहुत सालो से चल रही है। नई बहू की चुदाई सभी मर्द करते है। भाभी को देखकर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई थी। उनका रंग काफी गोरा था। 5 फिट 5 इंच की लम्बी चौड़ी लड़की थी वो। बड़ी बड़ी कजरारी आँखे थी उनकी। वो अंदर कमरे में बैठी हुई थी। उनका फिगर 36 30 38 का था। भाभी के जिस्म में खूब गोश था। मैं समझ गया की जो भी इनको चोदेगा, उसे भरपूर मजा मिलेगा। उनको भी पता था की आज रात वो 3 3 मर्दों से चुदेंगी। वो अच्छे से समझती थी। फिर रात के 12 बज गये।
“पापा जी!! आप पहले कमरे में जाइए” शिव भैया बोले
दोस्तों हमारी जाती में सबसे बुजुर्ग आदमी ही नई दुल्हन की सील तोड़ता था।
“ठीक है बेटा!! मैं जा रहा हूँ” पापा बोले
फिर वो कमरे में चले गये। मेरी भाभी शादी के जोड़े में बैठी लजा रही थी। धीरे धीरे मेरे पापा ने उनके चेहरे से घुंघट का पर्दा हटा दिया। फिर भाभी के चेहरे को देखने लगे। उनके चेहरे का फेस कट काफी अच्छा था।
“आह बहू!! तुम सच में कयामत हो!! आज मुझे तुम्हारी सेवा करने का मौका दो” पापा बोले और उन्होंने धीरे से भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया। फिर उनके होठो पर किस करने लगे। भाभी भी जवान माल थी। वो भी चुदने को बेकरार थी। वो अच्छी तरह से संजी हुई थी। उन्होंने बालो में फूलो का गजरा लगा रखा था। कान में सोने की बड़ी बड़ी झुमकियाँ पहन रखी थी। भाभी के गले में सोने के बड़े से लोकेट वाला मंगल सूत्र था। उन्होंने अच्छे से मेकअप किया हुआ था। फेसियल की वजह से उनका चेहरा किसी हेरोइन की तरह चमक रहा था। मेरे चुदक्कड पापा चालू हो गये। वो भाभी के ओंठ पर ओंठ लगाकर किस करने लगे। भाभी भी चूसने लगी। दोनों का मौसम बन गया। दोनों ने इतनी होठ चुसाई कर डाली की भाभी गरमा गयी।
“बहू रानी!! अपने बड़े बड़े मम्मे का दर्शन तो करवाओ मुझे!!” मेरे पापा बेचैन होकर बोले
भाभी ने अपना ब्लाउस खोल दिया। फिर ब्रा खोल दी और निकाल दी।
“ओह्ह बहू!! तुम तो जबर्दस्त माल हो !!” पापा जी बोले
फिर वो भाभी की 36 इंच की बड़ी बड़ी चूची को हाथ में लेकर दबाने लगे। भाभी जी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी। दोस्तों उनके मम्मे इतने गजब के थे की मेरे उम्रदराज पापा का लंड चड्डी में ही बहा जा रहा था। भाभी की चूचियां बड़ी बड़ी थी और निपल काली काली थी। उनके निपल के चारो ओर बड़े बड़े काले घेरे थे जो गजब के सेक्सी दिख रहे थे। मेरे पापा दबा दबाकर मजा लेते रहे। फिर किसी भूखे शेर की तरह टूट पड़े और भाभी को अपनी वासना का शिकार बनाने लगे।
“चुसाओ बहु!! अपने बड़े बड़े मम्मे को चूसने दो” पापा बोले
भाभी ने अपने हाथ अपनी 36” की बड़ी बड़ी चूची पर से हटा दिया। मेरे चुदक्कड पापा चूची को हाथ में लेकर पकड़ लिए और दबाने लगे। फिर मुंह में ले लिए और किसी जवान मर्द की तरह चूसने लगे। नई वाली भाभी “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी।
“…..सी सी सी सी….हा हा हा…”ससुर जी!! आप तो मेरी जान ही ले लेंगे… इसस्स्स्स्….. भाभी कहने लगी
मेरे ठरकी पापा ने निपल्स को मुंह में लेकर किसी संतरे के जैसे चूस डाला। सब रस निकाल लिया। फिर दांत गड़ाकर निपल्स को काटने लगे। भाभी तडप रही थी। मेरे पापा ने काफी देर तक दोनों दूध को मुंह में लेकर चूस डाला और भाभी को गर्म कर दिया। फिर उनकी साड़ी खोली। पेटीकोट उतार डाला। नई वाली भाभी ने काली रंग की चड्डी पहनी थी। पहले तो मेरे पापा उपर से उनकी काली चड्डी जीभ लगाकर चाटते रहे। फिर जब भाभी का बुरा हाल हो गया तो पापा ने दांत से पकड़कर उनकी चड्डी उतार डाली। भाभी की चूत बहुत ही साफ़ सुथरी और चिकनी थी। झांट का एक बाल भी उस पर नही था।
“अई…..अई….अई… ससुर जी!! मेरी बुर को आप अच्छे से चूसिये, उसके बाद ही आप मुझे चोदना!!” भाभी जी बोली
“ठीक है बहू!! मैं ऐसा ही करूंगा” पापा बोले
उसके बाद नई वाली भाभी ने अपनी दोनों टांगो को खोल दिया। पापा जी लेट गये और चूत पर जीभ लगा लगाकर चूसने लगे। पापा को भी खूब मजा मिल रहा था। नई दुलहन की चूत मारने का पहला मौका उनको ही दिया गया था क्यूंकि हम लोगो के यहाँ यही रिवाज है। पापा जी अच्छे से बुर के ओंठो को चाट रहे थे। चूत के दाने को अंगूर की तरह चूस रहे थे। उन्होंने 10 मिनट चूत चटाई की और अब नई वाली भाभी चुदने को तैयार थी। मेरे पापा ने अपना कुर्ता पजामा खोल दिया और अपना निकर उतार दिया। पापा 64 साल के उम्र दराज आदमी थे, पर आज भी किसी भी जवान औरत को चोद सकते थे। इतना पावर था उनके पास। उनका लंड बहुत काला था। वो हाथ में लेकर अपने 8 इंच लंड को फेटने लगे। फिर लंड कड़क हो गया।
“अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….चोदीये पापा!! अब मुझसे नही रहा जा रहा है” मेरी भाभी किसी रांड की तरह कहने लगी
पापा ने भाभी की टांग खोल दी। अपना लंड लेकर उनकी बुर पर घिसने लगे। भाभी की बुर बड़ी चिकनी थी। पापा अपने गुलाबी सुपाड़े को उनकी बुर के ओंठ पर घिस रहे थे। भाभी कामुक होती जा रही थी। काफी देर तक घिसते रहे। फिर लंड घुसा डाले। और जोर जोर से पेलने लगे। पापा जल्दी जल्दी नई भाभी को चोद रहे थे।
“पापा जी!! ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी….बहुत मजा आ रहा है” भाभी कहने लगी
“ले साली और ले!! आज अच्छे से चुदवा ले” मेरे पापा जी कहने लगे और गमागम भाभी की फूली मांसल चूत में धक्के देने लगे
भाभी को काफी मजा मिल रहा था। वो अपना मुंह खोल खोलकर आहे निकाल रही थी। मेरे पापा उनकी दोनों टांगो को खोलकर उनकी चूत की गपचिक गपचिक ठुकाई कर रहे थे। पापा का मोटा लंड भाभी की चूत की रसीली गली में सटर सटर फिसल रहा था।
“बहु!! तेरी बुर का जवाब नही!! …उ उ उ उ उ……” पापा बोल रहे थे।
वो भाभी की दोनों टांग उठाकर दनादन चोदन कार्यक्रम कर रहे थे। भाभी जोश में आकर तकिया को मुंह में लगाकर चबाने लगी। “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की तेज आवाजे मेरी नई वाली भाभी निकाल रही थी। मेरे 64 वर्षीय पापा ने उनको 18 मिनट जल्दी जल्दी चोद लिया। फिर हाफ्ने लगे। लंड भाभी की बुर से निकाल लिया। भाभी पूरे बिस्तर पर मचलने लगी। वो लम्बी लम्बी सांसे ले रही थी। जैसी हाफ रही थी। वो फिर पापा की तरफ देखने लगी। पापा की आँखों में सिर्फ और सिर्फ कामवासना थी।
“बहू!! तेरी बुर अब चाटूंगा। पैर खोल” पापा बोले
भाभी ने फिर से पैर खोल दिए। मेरे पापा जी उनकी रसीली चूत का दीदार करने लगे। फिर किसी कुत्ते की तरह जीभ निकाल निकालकर चाटने लगे। मैंने आपको बताया की भाभी अभी कच्ची कली थी। भरपूर जवान थी। इसलिए उनकी बुर भी कुछ कम हसीन नही थी। पापा जी मजे लेकर बुर चाटने लगे। भाभी सेक्सी होकर “ओहह्ह्ह….अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाजे निकालने लगी। उनकी चूत के दोनों लब लाल लाल थे। पापा की गुलाबी जीभ उनकी बुर के गुलाबी लबो को चूस चाट रही थी। इस तरह से उनको पापा ने दूसरी बार गर्म कर दिया।
““आआआअह्हह्हह…..चोद डालो ससुर जी…..देर न करो” नई वाली भाभी कहने लगी
“चल रंडी!! कुतिया बन जल्दी से” मेरे पापा बोले
फिर पीछे आ गये। अपने 8 इंच लंड को फिर से मुठ देने लगे। कुछ सेकंड में उनका लंड पहलवान जैसा हो गया था। लंड की एक एक नस तन गयी थी। कितना खूंखार और डरावना दिख रहा था। फिर कुतिया वाली पोजीशन में पीछे से भाभी की बुर में घुसा दिया और धकाधक पेलने लगे। कुछ देर में तेज तेज इंजन चलाने लगे। इस बार भी जल्दी जल्दी अपने खूंखार लंड को भाभी की नई नवेली बुर में दौड़ाने लगे और भाभी की चींखे निकलवा दी। उनको अच्छे से कुतिया बनाकर चोद डाला। अब पापा जी का माल झड़ने वाला था।
“बहु!! अब झड़ जाउंगा!! …उ उ उ उ उ……बोलो किधर माल निकालू” पापा जी बोले
“मेरे मुंह में माल झाड दीजिये” मेरी चुदक्कड भाभी बोली
मेरे 64 साल के उम्रदराज पापा ने जल्दी से लौड़ा उनकी चुद्दी से खींचा और भाभी के मुंह की तरफ चले गये। भाभी जी अपना मुंह खोल दी। पापा जी लंड को हाथ से पकड़कर फेटने लगे। फिर ……अअअअअ आआआआ…बोलते हुए भाभी के मुंह पर झड़ गये। उनका लंड माल की पिचकारी छोड़ने लगा। भाभी के पूरे मुंह पर पिचकारी चली गयी। मुंह में जो माल गया उसे को किसी रंडी की तरह चाट गयी और निगल गयी। नई वाली भाभी को चोदकर मेरे पापा चले गये। वो कमरे से बाहर आये। मेरे शिव भैया और मैं बाहर वेट कर रहे थे।
“शिव बेटा!! तेरी बीबी मस्त माल है!! मुझे उसकी चूत चोदकर बड़ा मजा आया है। अब तुम कमरे में चले जाओ। देखो चेतन को भी याद से भेज देना” पापा बोले
“जी पापा जी” शिव भैया बोले
वो कमरे में चले गये और दरवाजा बंद कर दिया। अब मैं क्या करता। मैं अपनी बारी का इंतजार करने लगा। जब भैया अंदर गये तो नई वाली भाभी नंग धडंग बिस्तर पर लेती हुई थी। दोनों हाथ पैर खोलकर लेती हुई थी। उनकी चूत चुद चुकी थी और पापा का माल अब भी उनकी बुर में भरा हुआ था।
“आओ पति जी” भाभी बोली
“मेरे पापा ने तुमको चोदा??” भैया बोले
“हाँ!! आपके पापा तो गबरू जवान की तरह ठुकाई करते है। मेरी तो एक एक हड्डी उन्होंने चटका दी” भाभी जी बोली
उसके बाद शिव भैया मेरी भाभी को चूमने चाटने लगे। नंगे हो गये, फिर वो उनको बाहों में लेकर प्यार करने लगे। वो भी जाकर भाभी के बदन पर लेट गये और उनके सेक्सी रसेदार लबो को चूसने लगे। लिप लोक होकर किस करने लगे। कुछ देर में दोनों का मौसम बन गया।
“बीबी!! आओ मेरी लंड चुसाई कर दो” शिव भैया भाभी ने बोले और बेड पर लेट गये। मेरी सेक्सी चुदक्कड भाभी बैठ गयी और भैया का लौड़ा फेटने लगी। शिव भैया का हथियार पापा ने भी लम्बा था। 9 इंची चाक़ू जैसा धारधार लंड था उनका। नई वाली भाभी ने भैया का लंड पकड़ लिया और जल्दी जल्दी मुठ देने लगी। अच्छे से खड़ा करने लगी। फिर झुक गई और मुंह में लेकर आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। भैया का हथियार किसी मिसाइल की तरह था। भाभी मुठ दे देकर चूस रही थी। उनको काफी मजा आ रहा था। सिर को हिला हिलाकर चूस रही थी।
“….ओह्ह्ह्….अई…चूसो जानेमन!! और अच्छे से चूसो” शिव भैया कहने लगे
फिर भाभी भी और जोश में आ गयी और कायदे से चूसने लगी। वो हाथ से भैया की गोलियाँ दबा रही थी। फिर उसको भी मुंह में लेकर टॉफी की तरह चूस रही थी। कुछ देर बाद वो चुदने को रेडी थी।
“आओ जानेमन!! मेरे लंड की सवारी करो” शिव भैया बोले
वो बिस्तर पर सीधे लेट गये। भाभी उनकी कमर पर जाकर बैठ गयी। भैया का लंड पकड़कर अपनी कसी नई नवेली चूत में डालने लगी। फिर लंड अंदर तक घुस गया। अब भाभी उचक उचक कर खुद ही चुदाने लगी।
“और धक्के लगाओ जानेमन!! और तेज…” शिव भैया बोले
मेरी भाभी अब और तेज तेज धक्के लगाने लगी। वो शिव भैया के खूटे जैसे लंड पर उठ बैठ रही थी। जल्दी जल्दी चुदवा रही थी। दोनों मजे काट रहे थे। भैया का लंड किसी तेज धार चाक़ू की तरह भाभी की बुर को फाड़ रहा था। फिर शिव भैया भी जोश में आ गये। उन्होंने भाभी के दोनों मस्त मस्त चूतड़ पकड़ लिए और नीचे से चूत के छेद में धक्के देने लगे। मेरी भाभी “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी। पर अब तो मेरे भैया पूरे जोश में आ गये थे। वो 10 मिनट तक भाभी की कसी चूत को फाड़ते ही रहे और इतना चोदा की भाभी की अम्मा चुद गयी। फिर धक्के देते देते शिव भैया झड़ गये। फिर बाहर चले आये।
“जाओ चेतन!! अब तेरी बारी है। जाओ अपनी नई भाभी को अच्छे से खाओ जाकर” शिव भैया बोले
“ठीक है भैया” मैंने कहा
फिर अंदर चला गया। मेरी भाभी आज रंडी बन चुकी थी। कहने को उनकी शादी मेरे भैया से हुई थी। पर अब तक 2 मर्दों से चुदवा चुकी थी। तीसरा लंड अब खाने वाली थी। आज वो रंडी बन गयी थी। मुझे देखकर हंसने लगी।
“कैसे हो देवर जी??” वो कहने लगी
“अच्छा हूँ। आप बताओ” मैं बोला
“आओ मुझे चोद लो!!” नई वाली भाभी बोली
“मुझे तो आपकी गांड मारनी है” मैं बोला
वो जल्दी से घोड़ी बन गयी। उनकी गांड का छेद काफी चिकना दिख रहा था। कुछ देर मैं कामुक होकर उनका छेद देखता रहा। देखने में अनचुदी गांड दिख रही थी। मैं वासना में आकर जीभ लगा लगाकर चाटने लगा। मेरी भाभी जी “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलने लगी। उनको भी पूरा मजा आ रहा था। मैं चाट चाटकर छेद को साफ़ कर दिया। फिर अपने 7 इंची लंड को किसी तरह घुसा डाला। जल्दी अंदर नही जा रहा था। फिर धीरे धीरे अपनी सगी भाभी की गांड मार ली। वो खूब कराही, खूब सिसकी लेती रही। पर मैं उनको घोड़ी बनाये रहा और उनकी कसी कुवारी गांड मारता रहा। फिर उसमे ही माल निकाल दिया। आज भी मेरी भाभी की चुदाई 3 3 मर्द करते है। वो ख़ुशी ख़ुशी पापा से, शिव भैया से और मुझसे अपने दोनों छेद चुदवा लेती है। क्यूंकि हमारे यहाँ यही रिवाज चलता है।