Threesome Chudai
हेलो दोस्तों मेरा नाम राखी है मैं 18 साल की हूं मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सेक्सी हिन्दी स्टोरी पर सुनाने जा रही हूं यह मेरी पहली कहानी है इस वेबसाइट पर। मैं इस वेबसाइट की बहुत बड़ी फैन हूं मैं रोजाना इस पर आकर सेक्स कहानियां पढ़ती हूं और बहुत मजे लेती हूँ। इसलिए आज मैं भी सोचती हूं कि आपके लिए एक सेक्सी कहानी सुनाऊं ताकि आप भी मजे ले सके।
फिर भी मैं करीब 1 महीने तक अपने आप को संभाल कर रखें अपने आप को रोक कर रखी सिर्फ चूचियां दबा दबा कर अपना काम चला रही थी। चूत में ऊँगली कर के अपना काम चला रही थी पर ऐसा कितना दिन चलता धीरे-धीरे मैं काफी ज्यादा कामुक हो गई थी मैं इस वेबसाइट पर आकर कहानियां बढ़ने लगी तो रात मेरा रोज 2:00 से 3:00 बज जाता था दोस्तों नींद नहीं आती थी नींद आए भी कैसे दिन में जो होता था वह सब रात में मेरे मस्तिष्क में घूमते रहता था वह मम्मी का आह आह करना और जोर से और जोर से करना खूब अच्छे से लोग खूब अच्छे से चोदो मुझे संतुष्ट करो ऐसे मम्मी बोलते थे कितना अच्छा कितना बड़ा है तुम्हारा लंड , ऐसे मम्मी बोलती थी तो दोस्तों आप खुद सोचिए मैं तो पागल हो गई थी।
अब मैं बताती हूं वह बंदा कौन था जो रोजाना आता था और मेरे मम्मी को चोदा था फिर मैं बाद में उससे मैं भी चुदने लगी। मेरे मम्मी का यार था अब वह मेरा प्यार बन गया। असल में मेरे पापा के एक दोस्त है जो हमेशा मेरे घर आया करते थे मम्मी और पापा उनसे सलाह लेते थे मैं सलाह देते थे जब भी मम्मी पापा के बीच झगड़ा होता था तो। बात ज्यादा बढ़ जाते थे तो वही आते थे। झगड़ा होने की वजह से मम्मी-पापा में कभी प्यार नहीं रहा और पापा मम्मी को छोड़कर चले गए।
फिर जब से करोना आ गया तो मैं घर में रहने लगी। पर फिर भी वह घर आते ही रहे और धीरे-धीरे मम्मी भी मुझे विश्वास में ले ली और अंकल भी मुझे विश्वास में लिए मम्मी कहने लगी किसी मर्द का घर में होना बहुत जरूरी होता है ताकि समाज की गलत नजर नहीं पड़े जबकि वह अंकल खुद ही गलत थे और मम्मी गलत है क्योंकि जब किसी गैर मर्द के साथ रोजाना सो रही है तो फिर समाज का क्या कहना।
मैं भी धीरे धीरे बातों को समझने लगी. और उनको एक्सेप्ट कर ली मैं कुछ बोलती नहीं थी धीरे-धीरे बात बढ़ गई अप्रैल माह के बाद तो ऐसा लगने लगा कि मम्मी अंकल के बिना रह नहीं सकते थे तो वह बार-बार फोन करके बुलाती थी।
मुझे लगने लगा कि वह भी मुझे संतुष्ट कर देंगे क्योंकि अब मैं भी मजे लेना चाहते थे मैं भी चाहती थी कि कोई मुझे चोदे। 1 दिन की बात है मेरे मामा घर नजदीक है तो नानी का तबीयत खराब होने पर मम्मी उनको देखने चली गई जब वहां पहुंची तो पता चला कि नानी का तबीयत ज्यादा खराब है इसलिए वह 1 दिन रुक कर आएंगे सुबह 10:00 बजे हो गई थी। पर अंकल को बताना भूल गई अंकल 11:00 बजे घर पर आ गए मैं अकेली थी मुझे बहुत खुशी हुई आज उनसे मिलने का मौका मिल गया था मुझे।
सोफा पर बैठ कर वह मुझे बार-बार नहीं आ रहे थे मैं जब चलती थी तो मेरी गांड देखते थे मेरी चूचियां नेहा रहे थे मैं समझ गई कि वह मुझे ताड़ रहे हैं पर मुझे भी अच्छा लग रहा था। उसके बाद मैं उनके लिए चाय बनाई चाय देने गई तो जैसे मैं झूठी तेरी बड़ी-बड़ी चूचियां बाहर गई क्योंकि मैं वैसा ही कपड़ा पहनी थी वह देखकर उनका मन मचल गया मुझे ऐसा लगा क्योंकि वह निहारे जा रहे थे अपनी नजर तक नहीं हटा रहे थे।
फिर बैठ गए मैं भी बात करने लगी फिर मैं एक बात पूछूं आपसे जब आप अंदर जाते हैं तो मम्मी को क्या करते हैं मुझे पता था वह क्या करते हैं पर मैं सुनना चाहते थे मैं मजे लेना चाहते थे। तू बोले मैं तुम्हारे मम्मी को खुश रखता हूं खुश करता हूं जो तुम्हारे पापा नहीं दे पाए वहीं मैं दे रहा हूं तुम्हारे यहां जो लड़ाई होती थी इसी वजह से होती थी कि तुम्हारी मम्मी तुम्हारे पापा से खुश नहीं थी। एक औरत को जो चाहिए वह तेरे पापा नहीं दे पा रहे थे।
तो मैं बोली क्या आप मुझे भी खुश कर देंगे। तो पूछे मम्मी कब आएगी, मैं बोल दी मम्मी कल आएगी वह खुश हो गए और अपने पास बैठा कर मेरे पीठ सहलाने लगे धीरे-धीरे होने लगे मैं उनके तरफ देखने लगी और मैं अपना खुद ही उनके तरफ क्योंकि मैं पहले से ही भरी हुई थी। मैं चाहती हु वो मुझे किस करे चूमे। वह सपना आज पूरा हो रहा था उसके बाद धीरे-धीरे वह मेरी चूचियां पकड़ा दिए मेरे गाल पर चूमने लगे मेरे होंठ पर चूमने लगे मैं पागल होने लगे मैं उन्हें गले लगा ले उसके बाद बहुत है मैं भी उठी और दोनों मम्मी के बैडरूम में ही चले गए।
वहां जाकर उन्होंने सबसे पहले मेरा सारा कपड़ा उतार दिया उसके बाद मुझे लिटा दिया। मेरी चूचियां दबाने लगे मेरे निप्पल को को दांत से काटने लगे मेरे सूट को चूसने लगे मैं पागल होने लगे मेरे बाल उन्होंने खोल दिया उसके बाद वह मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत चाटने लगे दोस्तों क्या बताऊं क्या मजा आ रहा था। करीब 1 घंटे तक उन्होंने मुझे शाह लाया मेरे जिस्म को देखा इधर उधर खूब मजे लिए पर मेरे बर्दाश्त के बाहर हो गया था क्योंकि मैं बहुत ज्यादा ही गर्म हो गई थी।
मैंने कहा अंकल अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है अब मैं चाहती हूं कि जल्दी से मेरा काम तमाम कर दो मैं रुक नहीं पाऊंगी मैं बहुत ज्यादा गरम हो चुकी हूं मेरी अंतर्वासना भड़क चुकी है।
उसके बाद उन्होंने मेरे दोनों टांगों को अलग अलग किया बीच में बैठ गए अपना लंड निकाला मेरे चूत पर सेट किया और जोर से घुसा दी है। मैं दर्द से छटपटा उठी मेरे पाँव हिलने लगे मेरे दांत खटखटाने लगे। मेरे आंख में आंसू आ गए थे क्योंकि उनका मोटा लौड़ा मेरी छूत में घुस चुका था। पर कुछ देर में ही सब कुछ नॉर्मल हो गया और दर्द मेरा शांत हो गया अब वह मुझे खूब लेने लगे जोर-जोर से पूछना दबाते हुए वह जोर जोर से धक्के देते थे पूरा बेड हिल जाता था।
उन्होंने मुझे आगे से पीछे से ऊपर से नीचे से जैसे लेना था खोल दिया करीब 1 घंटे तक मुझे चोदते रहे मेरी चूचियों को दबा दे रहे मेरे चुचियों को पीते रहे मेरी गांड में उंगली करते रहे खूब मजे लिए मैं यह मेरी पहली चुदाई थी मजा आ गया था दोस्तों।
फिर वह मुझे बाथरूम में ले गए हम दोनों नंगे होकर साथ ना आए उनके लोड़े पकड़कर हमने साबुन लगा है उसमें उन्होंने भी मेरे चुचियों पर खूब साबुन पर लगाया गांड में साबुन लगाया उंगली घुसा या उसके बाद हम दोनों सो गए।
उस दिन रात को भी अंकल अपने घर नहीं गए थे रात में मुझे दो बार फिर से चोदे अपने बीवी को उन्होंने फोन करके बोल दिया था कि मैं कहीं जा रहा हूं बाहर बिजनेस काम से तुम्हें नहीं आ पाऊंगा आज। रात भर में च**** करते रहे दूसरे दिन मम्मी शाम को आ गई।
फिर हो मम्मी को भी चाहते थे और वह कई बार बहाने बनाकर मम्मी को बाहर भेज देते थे कुछ लाने के लिए कुछ करने के लिए कुछ सामान खरीदने के लिए उस समय वह घर में रहते थे और मेरी चुदाई करते थे। अब तो दोस्तों ऐसा हो गया है मम्मी का यार जो था अब मेरा प्यार बन गया है मम्मी को जितना चोदते हैं उतना मुझे भी चोदते हैं खूब मजे ले रहे हो आशा करती हूं